शराब और कस्टम मिलिंग घोटाले में आज कोर्ट में होगी सुनवाई,मार्कफेड पूर्व एमडी मनोज सोनी और रिटायर्ट IAS टुटेजा को ED कोर्ट में पेश किया गया…

रायपुर :

छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में ED रिमांड पूरी होने के बाद आज मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी को ईडी रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट सोनी की 5 दिन की रिमांड दी थी । वही आज सुनवाई के दौरान ED मनोज सोनी की रिमांड मांगेगी।

वही शराब घोटाले मामले में ED की कस्टोडियल रिमांड पर चल रहे रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को कोर्ट में पेश किया। अनिल टुटेजा को आज न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जा सकता है। हालांकि ED टुटेजा की कस्टोडियल रिमांड लेने की कोशिश करेगी।

टुटेजा समेत 7 आरोपियों की 205 करोड़ की 179 संपत्तियां कुर्क

शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, विकास अग्रवाल, नवीन केडिया, आशीष सौरभ केडिया समेत अन्य आरोपियों की 205 करोड़ की संपत्तियां अटैच (कुर्क) की हैं।

संपत्तियों में होटल, कॉम्प्लेक्स, जमीनें, मकान, ज्वेलरी, गाड़ी समेत 18 चल और 161 अचल संपत्तियां शामिल हैं। अटैच करने का मतलब होगा कि आरोपी इन संपत्तियों का उपयोग कर सकेंगे। कारोबारी संपत्ति में बिजनेस चलता रहेगा, लेकिन वे उसे बेच नहीं सकेंगे।

टुटेजा की 15.82 करोड़ की 14 संपत्तियां

ईडी के अनुसार रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की 15.82 करोड़ की 14 संपत्तियां अटैच की गईं हैं। इसमें मकान, खाली जमीन और काम्प्लेक्स शामिल हैं।

100 करोड़ से अधिक का कस्टम मिलिंग घोटाला

ईडी ने आईटी जाँच शाखा (विंग), रायपुर द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के खुलासे के आधार पर कस्टम मिलिंग मामले में जाँच शुरू की, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये की रिश्वत अर्जित की।

साल 2021-22 तक धान की कस्टम मिलिंग के लिए चावल मिलर्स को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से धान के प्रति क्विंटल पर रुपये 40/- के एक विशेष प्रोत्साहन का भुगतान किया गया और बाद में, इसे अत्यधिक रुप से बढ़ाकर रुपये 120/- प्रति क्विंटल धान कर दिया गया जिसका भुगतान दो किश्तों में रुपये 60/- प्रत्येक के लिए किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर चावल मिलर्स से प्रत्येक क्विंटल धान के लिए रुपये 20/- प्रति किस्त रिश्वत की रकम वसूलना शुरू किया ।

नकद राशि का भुगतान करने वाले चावल मिलर्स का विवरण जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा संबंधित जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) को भेजा गया था। चावल मिलर्स के बिल प्राप्त होने पर डीएमओ ने संबंधित जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन से प्राप्त विवरण की क्रॉस जाँच की इसके बाद यह जानकारी मार्कफेड के मुख्य कार्यालय को अग्रेषित कर दी गई। मार्कफेड एमडी द्वारा केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने एसोसिएशन को नकद राशि का भुगतान किया था।ईडी की जाँच से पता चला कि विशेष प्रोत्साहन को रुपये 40/- से बढ़ाकर रुपये 120/- प्रति क्विंटल करने के बाद 100 करोड़ से अधिक की रिश्वत प्राप्त की गई थी जो तत्कालीन एमडी, मार्कफेड मनोज सोनी की सक्रिय सहायता से संभव हुआ था।

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