भूपेश बघेल, पद्मा ने मिलकर महल को किया ख़तम, देवव्रत सिंह बोलीं- राजा साहब को खून के आंसू रूलाए, अब उनके नाम पर वोट मांग रहे…

रायपुर :

खैरागढ़ में विभा देवव्रत सिंह ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर वीडियो जारी कर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि, भूपेश बघेल और कांग्रेस ने राजा साहेब को खून के आंसू रुलाए और अब उनके नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। भूपेश बघेल ने पद्मा सिंह के साथ मिलकर महल पर पत्थर बरसाए।

दरअसल, विभा सिंह खैरागढ़ के राजा दिवंगत देवव्रत सिंह की पत्नी हैं। वहीं पद्मा सिंह का देवव्रत सिंह से तलाक हो चुका था। इसके बाद से राजघराने को लेकर कई विवाद सामने आते रहे हैं। इसी बीच लोकसभा चुनाव प्रचार का एक वीडियो सामने आया जिसमें पद्मा सिंह को उनकी धर्म पत्नी बताया गया।

‘भूपेश बघेल के साथ मिलकर जानलेवा हमला कराया’

विभा ने वीडियो जारी कर कहा कि, मैं राजनांदगाव क्षेत्र की जनता से अपील करना चाहती हूं। भूपेश बघेल और पद्मा सिंह ने मिलकर महल को खत्म किया। महल पर पत्थर बरसाए, हमारे ऊपर जानलेवा हमला करवाया। हमारे महल को बंद करवा कर महल की राजनीति खत्म कर दी।

राजा साहब के जिंदा रहते भी उन्होंने यही किया। उन्हें खून के आंसू रुलाए उन्हें पार्टी से बाहर किया। कांग्रेस पार्टी से हमारे परिवार को बरसों पुराना रिश्ता रहा है लेकिन राजा देवव्रत सिंह का सम्मान नहीं किया गया। उनके निधन के बाद कभी उनकी मूर्ति बनाकर कभी उनका नाम लेकर वोट मांगे जा रहे हैं।

पद्मा देवव्रत सिंह की पत्नी नहीं- विभा

विभा ने आगे कहा कि, जो औरत पद्मा 11 करोड़ रुपए लेकर जा चुकी है। 11 करोड़ रुपए के लिए उसने बच्चों को छोड़ दिया, राजा देवव्रत को छोड़ दिया। उस औरत को लाकर बार-बार भूपेश बघेल और यशोदा वर्मा प्रेजेंट वाइफ बताकर वोट कलेक्ट कर रहे हैं। इस बात का सबूत और वीडियो भी मेरे पास है।

राजनांदगांव क्षेत्र के लोगों को बहका कर भूपेश बघेल बहुत गलत कर रहे हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। पद्मा का हमारे राज घराने से कोई लेना-देना नहीं है। झूठी बातें करके वोट मांगा जा रहा है। मैं क्षेत्र वासियों से अपील करती हूं की अपने उज्जवल भविष्य के लिए सही पार्टी चुने।

बीजेपी के हाथों खेल रही विभा सिंहः कांग्रेस

विभा सिंह के बयान पर कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा विभा सिंह भारतीय जनता पार्टी के हाथों खेल रहीं हैं। सारा राजनांदगांव राज परिवार और छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति जानता है, पारिवारिक कलह की सूत्रधार कौन थीं। यह बात किसी से नहीं छुपी, जो देवव्रत सिंह की नहीं हुई वह कांग्रेस की कहां होगी।

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