लखमा ने बस्तर में बांटे पैसे, नामांकन रोकने की मांग,रायपुर सांसद सोनी बोले प्रचार-प्रसार पर लगे बैन,मतदाता सूची में भी फर्जीवाड़ा…

रायपुर :

छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस से बस्तर लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा के खिलाफ बीजेपी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई है। लखमा पर लोगों को पैसे बांटकर चुनाव में अपने प्रभाव में लेने का आरोप लगाया है।

रायपुर से भाजपा सांसद सुनील सोनी ने कहा कि एक तस्वीर भी वायरल हुई है, जिसमें वह रुपए बांटते दिख रहे हैं। कवासी लखमा के नामांकन दाखिल और लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने की चुनाव आयोग से मांग की है। इसके अलावा मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की है।

सहयोगियों के साथ लोगों को पैसे बांटने का आरोप

दरअसल, 24 मार्च को जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर के सामने होलिका दहन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी लखमा ने अन्य सहयोगियों के साथ अपने हाथों से लोगों को पैसे बांटे थे, इसे रस्म बताकर लखमा ने पल्ला झाड़ लिया था। अब भाजपा इसका विरोध कर रही है।

कांग्रेसी चुनाव में धन-बल का प्रयोग कर रहे

भाजपा का कहना है कि ये चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेसी धन-बल का प्रयोग कर चुनाव में भ्रष्ट आचरण कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने शिकायती पत्र में बताया है कि 24 मार्च, 2024 को बांटी गई धनराशि के मौके की कुछ लोगों ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया में वायरल भी की है।

कवासी लखमा के खिलाफ FIR दर्ज

24 मार्च को पुलिस ने थाना जगदलपुर सिटी कोतवाली में कांग्रेस प्रत्याशी लखमा के खिलाफ अधिनियम 1951 की धारा 123, और इंडियन पैनल कोड की धारा 171 बी, 171 ग और 171 ई, एवं 188 के तहत आपराधिक प्रकरण (एफआईआर) क्र. 155/2024 दर्ज किया गया है। मगर कोई कार्रवाई लखमा पर नहीं हुई। सांसद सोनी ने लखमा के प्रचार पर बैन लगाने की मांग की है।

मतदाता सूची में फर्जी नाम

भाजपा सांसद सोनी ने कहा कि मतदाता सूची में फर्जी नाम के जुड़े होने की शिकायत रेंगाखार वन क्षेत्र में सिवनी खुर्द और सरसपुरलोहारा थाना क्षेत्र कवर्धा में हुई है। मामले में पुलिस ने जांच में इसे सही पाया। इसलिए मतदाता सूची में फर्जी नाम के पुनरीक्षण की कार्रवाई करने की जरूरत है।

सांसद सोनी ने कहा कि मतदाता सूची में से फर्जी नामों को अतिशीघ्र विलोपित करने की मांग गई है और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने फर्जी नाम जोड़े।

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