खास खबर…

मन की बात में प्रधानमंत्री ने हिंसा की आग में धधक रहे मणिपुर की बात नहीं की, आधी शती पहले के काले दिनों यानी इमरजेंसी की बात ज़रूर की। इधर हमारा मीडिया भी मणिपुर से लगभग आँखें मूँदे हुए है। क्या निरा संयोग है? बिपरजॉय को तमाशा बना दिया, और मणिपुर मानो देश का अंग ही नहीं?