छत्‍तीसगढ़ के संविदा और दैवेभो कर्मचारियों को मिलेगी सौगात, भूपेश कैबिनेट की बैठक होगा बड़ा फैसला…

रायपुर : 06 जुलाई 2023

छत्‍तीसगढ़ सरकार जल्‍द ही प्रदेश के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने वाली है। 6 जुलाई को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला होगा। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं, कि संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सरकार नियमि‍त करेगी।

रायपुर: छत्तीसगढ़ में संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बीते कई सालों से नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें मंत्रालयीन कार्यों में शामिल कर्मचारी भी है। लेकिन छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिहाज से कल का दिन काफी अहम माना जा रहा है 6 जुलाई को भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में सरकार छत्तीसगढ़ के संविदा और दैवेभो कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।

डिप्टी सीएम ने नियमितीकरण की तरफ किया इशारा

गुरुवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडल की बैठक लेने जा रहे हैं। बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी, इसके साथ ही खबरें यह भी आ रही है कि इस कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के हित में फैसला लिया जा सकता है। भूपेश कैबिनेट की इस बैठक में लंबे समय से आस लगाए हुए सरकारी कर्मचारी के हित में फैसला लेते हुए प्रदेश सरकार नियमितीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। नियमितीकरण के मामले में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इशारों में इसका जवाब दिया है डिप्टी सीएम ने यह कहा है कि फिलहाल सभी विभागों की नियमितीकरण के मामले में जानकारी मंगवाई गई है।

छत्तीसगढ़ के चुनाव में दिख सकता है बड़ा असर

डिप्टी सीएम के इस बयान के बाद कर्मचारियों की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई है। बीते साढ़े 4 सालों से उम्मीद में बैठे छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारी जो लगातार नियमितीकरण की मांग कर रहे थे वह एक बार फिर सरकार से उम्मीद लगा बैठे हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ के अलग-अलग विभागों के साथ की कर्मचारी 6 जुलाई और 7 जुलाई से आंदोलन में जाने वाले हैं, वही स्वास्थ्य कर्मचारी की हड़ताल शुरू हो चुकी है लगातार सभी सरकार से नियमितीकरण की आस लेकर बैठे हैं ऐसे में अगर छत्तीसगढ़ सरकार इन कर्मचारियों को नियमित करती है तो इसका चुनाव में एक बड़ा असर देखने को मिल सकता है।

2023 चुनाव की राह कांग्रेस के लिए हो जाएगी आसान

बता दें कि हर एक चुनाव में शासकीय कर्मचारियों का एक अहम रोल माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शासकीय कर्मचारी जो कि अंदरूनी रूप से चुनाव में दखल देने का काम करते हैं। साल 2018 का विधानसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के हारने का कारण शासकीय कर्मचारियों की नाराजगी भी माना जा रहा था ऐसे में अगर भूपेश सरकार नियमितीकरण पर दांव खेलती है तो 2023 चुनाव की राह कांग्रेस के लिए आसान हो जाएगी।

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