रामानुजगंज: 08 अप्रैल 2025
जिले में 20 वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित धान खरीदी घोटाले पर अब अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। वर्ष 2003-04 में कामेश्वरपुर और रामचंद्रपुर सहकारी समितियों में हुई धांधली के मामले में जिला न्यायालय ने 17 दोषियों को तीन-तीन साल की सजा और 500-500 रुपये का जुर्माना सुनाया है।
गौरतलब है कि इस घोटाले में किसानों से धान खरीदा गया था, लेकिन उसका भुगतान आरोपियों के खातों में किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि कागजों पर ही फर्जी धान खरीदी दिखाई गई थी और सरकारी धन का गबन किया गया। आरोपियों में रामानुजगंज नगर पालिका अध्यक्ष रमन अग्रवाल के सगे भाई और चाचा भी शामिल हैं। इस प्रकरण में कलेक्टर के आदेश पर फूड विभाग द्वारा जांच कर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पहले 2018 में भी दोषियों को सजा सुनाई गई थी, लेकिन उन्होंने ऊपरी अदालत में अपील की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। न्यायालय के इस फैसले को जनता ने स्वागत योग्य बताया है, और इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
“देर है, पर अंधेर नहीं” — अदालत के इस फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि न्याय भले ही विलंबित हो, लेकिन कभी नकारा नहीं जाता।
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