कोरबा: 24 अप्रैल 2025 (टीम)
कोरबा-चांपा मार्ग पर स्थित ग्राम बेचुलभाटा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सोमवार को अवैध शराब की सूचना पर पहुंचे आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। यह तनावपूर्ण स्थिति तब उत्पन्न हुई जब छापेमारी के दौरान एक ग्रामीण की पत्नी और एक अन्य महिला को पुलिसकर्मी पकड़कर ले जाने लगे।
सूत्रों के अनुसार, कोरबा से पहुंचे पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने ग्राम बेचुलभाटा में एक घर पर छापा मारा। ग्रामीणों का कहना है कि वहां से बड़ी मात्रा में शराब बरामद नहीं हुई, फिर भी पुलिसकर्मी दो महिलाओं को जबरन पकड़कर ले जाने लगे। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एक महिला को धक्का भी दिया गया, जिससे गांव में आक्रोश फैल गया।
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए और विभागीय कर्मचारियों को बंधक बना लिया। ग्रामीणों की मांग थी कि जब तक पकड़ी गई महिलाओं को रिहा नहीं किया जाएगा, तब तक कोई भी अधिकारी गांव से बाहर नहीं जा सकेगा। सूचना मिलने पर पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देने की कोशिश की।
काफी देर चली बातचीत और मान-मनौव्वल के बाद ग्रामीणों ने कर्मचारियों को रिहा कर दिया। लेकिन इस घटनाक्रम ने एक बार फिर आबकारी और पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय कर्मचारी आए दिन गांव में दबिश देते हैं और मामूली मात्रा में शराब मिलने पर भी उसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। इसके बाद कार्यवाही से बचाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है।
यह पहली बार नहीं है जब बेचुलभाटा में इस तरह की घटना हुई है। इससे पहले भी उरगा पुलिस के कुछ कर्मचारियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था। क्षेत्र में लगातार हो रही इस प्रकार की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
सम्बंधित विभागों द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग
इस मामले के बाद जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और ग्रामीणों का भरोसा पुलिस-प्रशासन पर बना रहे।
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