पांच महीने पहले कार्रवाई कर भूला निगम,ट्रैफिक जाम न हो इसलिए सौ से ज्यादा जगहों पर चलाया बुलडोजर;उन्हीं जगहों पर फिर कब्जे,सड़कों में फंसे लोग…

रायपुर :

छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही पांच महीने पहले शहर में 100 से ज्यादा जगहों पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए निगम का बुलडोजर खूब दौड़ा। सैकड़ों की संख्या में अवैध ठेले, खोमचे और दुकानें हटाई गई। कुछ चौपाटियों को भी खत्म किया गया। सड़कों की चौड़ाई 10 से 15 फीट तक बढ़ गई। लेकिन इसके बाद निगम वाले दोबारा उसकी जांच तक करने नहीं गए।

दैनिक भास्कर की टीम दोबारा उन सभी जगहों पर पहुंची जहां बड़ी कार्रवाई की गई थी। निगम ने जहां-जहां से कब्जे हटाए थे उन सभी जगहों पर दोबारा कब्जे हो गए हैं। ठेले और खोमचे वाले सड़कों पर वापस आ गए। सड़कें फिर से संकरी हो गई है। अवैध कब्जे दोबारा होने की वजह से शहर की करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित हो रही है।

शहर के खास आबादी वाले इलाके बैजनाथपारा, संजयनगर, कुशालपुर, पुरानी बस्ती, मौदहापारा, गुढ़ियारी, टिकरापारा, कालीबाड़ी चौक, ईदगाहभाठा, फाफाडीह समेत कई जगहों पर सड़कों से अवैध कब्जे हटाए गए थे। लेकिन दैनिक भास्कर की टीम जब दोबारा इन जगहों पर पहुंची तो दुकानें फिर से पहले जैसे ही चल रही हैं। सड़कों पर दुकान लगाने की वजह से 30 फीट की सड़क संकरी होकर 10 फीट की गई है।

इन वार्डों की मुख्य सड़कों पर रोज जाम लग रहा है। खासतौर पर शाम 6 बजे के बाद इन इलाकों की सड़कों ‍पर लोगों की गा​ड़ियां फंस रही है। इससे लोग भी नाराज हो रहे हैं। उनका कहना है कि निगम वाले लगातार निगरानी करते तो सड़कें पहले की तरह ही चौड़ी रहती।

स्कूल की छात्राएं पहुंची थीं कलेक्टर-कमिश्नर के पास
सालेम स्कूल के बाहर लगने वाली चौपाटी को दिसंबर 2023 में हटा दिया था। स्कूल की छात्राओं की शिकायत थी कि यह ठेले लगने की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। क्योंकि स्कूल की दीवार से सटकर ही दुकानें लगती हैं। इतना ही नहीं शाम को जो कचरा या खाना बचता था तो उसे स्कूल की दीवार के पीछे ही फेंक दिया जाता है। दुकानें हटने के बाद छात्राएं खूब खुश हुई। लेकिन अब इसी जगह पर चौपाटी फिर से सज गई। पहले की तरह ही लोगों की भीड़ भी लग रही है। इससे नाराज छात्राओं ने स्कूल खुलने के समय कलेक्टर और कमिश्नर से शिकायत भी की थी।

शाम होते ही बैजनाथपारा से निकलना हो जाता है मुश्किल
बैजनाथपारा में बड़ी संख्या में होटलें खुल गई हैं। शाम होते ही महबूबिया चौक और शास्त्री बाजार के एवरग्रीन चौक से आना-जाना मुश्किल हो जाता है। यह हर मिनट गा​िड़यां फंसती हैं। क्योंकि ज्यादातर दुकानदार दुकान के बाहर स्टॉल लगाकर रखते हैं। पांच महीने पहले निगम का बुलडोजर यहां खूब चला। एक-एक दुकान तोड़ी गई। अवैध कब्जे हटाए गए। लेकिन कुछ महीने बाद ही अब यह फिर से उसी तरह के कब्जे हो गए हैं। दुकानों के स्टॉल सड़क पर आ गए हैं। तीन-चार दिन पहले यह कोतवाली थाना प्रभारी की भी गाड़ी फंस गई थी। बिना जाम में फंसे यह कोई भी नहीं गुजर पा रहा है।

दुकानों के बाहर पुतले फिर सज गए दुकानदार कहते हैं आएंगे तो हटा देंगे
निगम के अमले ने 5 से 10 फीट तक दुकानों का सामान बाहर सड़क पर रखने वालों पर भी कार्रवाई की थी। शास्त्री बाजार, कटोरातालाब, लाखेनगर, पुरानी बस्ती, मालवीय रोड, शारदा चौक, एमजी रोड, आमापारा समेत कई सड़कों पर कार्रवाई की थी। इन सड़कों की दुकानों के बाहर दर्जनों पुतले भी जब्त किए गए थे। निगम की कार्रवाई खत्म होने के कुछ हफ्तों बाद ही इन सभी बाजारों के दुकानदारों ने फिर से पुतलों को सजा लिया है। दुकानों के बाहर कई फीट तक सामान सजाकर बेचे जा रहे हैं। एक बार बड़ी कार्रवाई करने के बाद निगम वाले वहां गए ही नहीं।

समाधान- फिर करेंगे कार्रवाई

सभी जोन कमिश्नरों से कह रहे हैं कि वे अपने-अपने एरिया में उन सभी जगहों पर वापस जाएं जहां कार्रवाई की गई थी। किसी भी बाजार या सड़क पर कब्जा होने नहीं दिया जाएगा। अवैध चौपाटियों को भी हटा देंगे। लोगों को जाम में फंसने नहीं देंगे।

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