अदालत का फैसला यह दर्शाता है कि देश का क़ानून और देश का संविधान सबसे ऊपर है-भरत वर्मा

रवीश बेंजामिन-रायपुर

रायपुर: राहुल गाँधी को दो वर्ष के सजा के फैसले पर भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष भरत वर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत का फैसला यह दर्शाता है कि देश का क़ानून और देश का संविधान सबसे ऊपर है और उसकी नजर में देश के सभी नागरिक समान हैं। अदालत का निर्णय यह भी सिद्ध करता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि उसने अपराध किया है तो उसे सजा जरूर मिलेगी। राहुल गाँधी ने देश के मोदी एवं ओबीसी समाज के बारे में जो अनर्गल और आपत्तिजनक बातें कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव में की थी, उसकी हम सब ने तब भी निंदा की थी, आज भी निंदा कर रहे हैं क्योंकि उनकी बातें काफी अपमानजनक थी। अदालत द्वारा सजा सुनाने के बावजूद जिस तरह से राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी के नेता उन अपमानजनक बातों को सही ठहरा रहे हैं, वह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा क्या है और देश के ओबीसी समाज के बारे में उनकी सोच क्या है। राहुल गाँधी अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं।
क्या देश की जनता के खिलाफ देश के एक बड़े नेता का ऐसा निंदनीय बोलना उन्हें शोभा देता है? क्या यह देश के संविधान का अपमान नहीं है? क्या यह आत्मसम्मान के साथ जीने वाले सभी गरीब लोगों का अपमान नहीं है? क्या राहुल गाँधी देश से और देश के संविधान से इतने बड़े हो गए हैं कि हमें गाली देने का उन्हें अधिकार मिल गया है?
वर्मा ने आगे कहा कि माफी मांगना तो दूर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह से इसे सही ठहराने में जुटे हुए हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि वे हमारा अपमान ही अपना नैतिक धर्म समझते हैं। राहुल गाँधी ये मानना छोड़ दें कि वह और उनका परिवार देश से ऊपर है। यदि राहुल गाँधी और देश की जनता को लगता है कि वे देश के संविधान और देश के क़ानून से ऊपर हैं तो ये उनकी भूल है। राहुल गाँधी जी और कांग्रेस के नेता यदि मानते हैं कि वे अपने ही देश के नागरिक को अपशब्द कह सकते हैं तो देश की जनता को भी देश के संविधान ने आपके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का अधिकार दिया है।