प्रधान संपादक : जी.भूषण राव
बिलासपुर : 06 नवम्बर 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में डीन पद को लेकर विवाद बढ़ गया है | हाईकोर्ट के आदेश के बाद निलंबित डीन डॉ. के के सहारे ने फिर से पदभार ग्रहण किया, जबकि शासन के आदेश पर डॉ. रमणेश मूर्ति बतौर डीन काम कर रहे हैं | विवादों में घिरे सिम्स के डीन पद को लेकर शासन ने एक पखवाड़े बाद भी स्थिति साफ नहीं की, जिससे सिम्स का कामकाज तो प्रभावित हो ही रहा है और कर्मचारी भी पशोपेश में हैं |
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे बिलासपुर मेडिकल कॉलेज सिम्स में दो डीन काम कर रहे हैं | एक पखवाड़े पहले ऐसी स्थिति तब बनी जब निलंबित डीन डॉ के के सहारे हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गए | वहीं शासन ने उनके निलंबन के बाद डॉ. रमणेश मूर्ति को डीन नियुक्त किया था | ऐसे में वर्तमान स्थिति में सिम्स में दो-दो डीन हो गए हैं | एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी सिम्स में दोनों डीन काम कर रहे हैं, दफ्तर में भी अजीब सी स्थिति है, डीन के 2 केबिन हैं. कर्मचारी भी पेशोपेश में न जाने कब कौन पॉवर में आ जाए, इसलिए दोनों डीन को तवज्जो देना उनकी मजबूरी है | डॉक्टरों, कर्मचारियों के बीच लॉबिंग के माहौल में सिम्स का काम प्रभावित हो रहा है, लेकिन अधिकारी सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं |
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब 23 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स में शासी निकाय की बैठक ली. बैठक में अनुपस्थित रहने पर डीन डॉ. के के सहारे को निलंबित करने का आदेश दिया गया था | मंत्री के आदेश को डॉ. सहारे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी | मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दिया | डॉ. सहारे का कहना है कि 22 सितंबर 2024 को उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था | इसमें अपने भाई के निधन होने के कारण तीन दिन की छुट्टी ली थी | लेकिन उनका पक्ष जाने बिना निलबंन की कार्रवाई कर दी गई | नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को अनुपस्थित होने पर कारण बताना पड़ता है | पर्याप्त कारण के अभाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है |
सिम्स में दो डीन के काम करने से मातहत अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि किसका आदेश माना जाए, यदि किसी एक का आदेश मानते हैं तो दूसरे अधिकारी नाराज हो सकते हैं. वहीं सिम्स में डीन के पद को लेकर शासन भी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती, ऐसे में शायद कोर्ट के आदेश का इंतजार चल रहा है |
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