रायपुर: 16 अप्रैल 2025 (सिटी डेस्क )
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले में फंसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए लखमा की जमानत याचिका को ACB/EOW की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया लखमा की संलिप्तता इस गंभीर अपराध में पाई गई है, अतः उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
बता दें की लखमा को 15 जनवरी 2025 को ईडी ने पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आए तथ्यों और सबूतों के आधार पर ईडी ने उन्हें इस घोटाले का एक प्रमुख किरदार बताया है। ईडी के मुताबिक, लखमा के आबकारी मंत्री रहते हुए विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ, जिसमें करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए।
इस घोटाले में अब तक कई अधिकारी और कारोबारी गिरफ्त में आ चुके हैं। ईडी ने दावा किया है कि यह संगठित भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए शराब कारोबार से अवैध कमाई की गई। फिलहाल कवासी लखमा रायपुर के केंद्रीय जेल में न्यायिक रिमांड पर बंद हैं। उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब उनके लिए कानूनी लड़ाई और कठिन हो गई है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह मामला नया मोड़ ले सकता है, क्योंकि कवासी लखमा राज्य की राजनीति में एक प्रभावशाली आदिवासी नेता माने जाते हैं।
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