“छत्तीसगढ़ में कल खुले रहेंगे सभी बाजार, भारत बंद का नहीं रहेगा असर”… चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक में भारत बंद की मांग को नहीं मिला समर्थन

रायपुर : 20 अगस्त 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़)

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी ,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ छत्तीसगढ़ एवं सर्व समाज के पदाधिकारी आज चेम्बर भवन, बाम्बे मार्केट, रायपुर में माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा जारी आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में ”भारत बंद” के आव्हान को लेकर छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज से समर्थन मांगने पहुंचे।

चेम्बर प्रदेश अयक्ष श्री अमर पारवानी ने बताया कि बैठक में चेम्बर के पदाधिकारी के साथ सर्व समाज के पदाधिकारियों की गहन चर्चा हुई। चूंकि यह विषय ”भारत बंद” को लेकर था अतः चेम्बर से संबद्ध राष्ट्रीय संगठनों से ”भारत बंद” के विषय पर चर्चा की गई जिसमें राष्ट्रीय संगठनों ने भारत बंद को लेकर अनभिज्ञता जताते हुए समर्थन नहीं दिया।

चूंकि चेम्बर से प्रदेश के छोटे-छोटे व्यापारी, रेहड़ी पटरी, एवं व्यापारिक संगठन जुड़े हुए हैं जो फल-सब्जी, दूध एवं अन्य कच्चे सामान का व्यवसाय करते हैं। बिना पूर्व सूचना के आकस्मिक बंद से उन्हंे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। चेम्बर की परंपरा के अनुसार अल्प समय में बिना पूर्व सूचना अथवा व्यापारिक संघों की बैठक लिये ”भारत बंद” का समर्थन करने में असमर्थ हैं।

चेम्बर ऑफ कॉमर्स :

बैठक में सर्व समाज से सतजन सिंह बीपीएफ अध्यक्ष, श्याम जी प्रदेश अध्यक्ष बसपा, लता गेड़ाम प्रदेश सचिव बसपा, आर.पी.भतपहरी वरिष्ठ उपाध्यक्ष सर्व समाज, बी.एस.रावटे कार्यकारी अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज, एम.पी.अहिरवार , ओ.पी.बाजपेयी, बेनीराम जी, अधिवक्ता संजय गजभिये। चेम्बर सलाहकार जितेन्द्र दोशी, परमानंद जैन, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान,कार्यकारी महामंत्री विकास आहूजा, उपाध्यक्ष-हीरा माखीजा, कन्हैया गुप्ता, संजय जादवानी, जय नानवानी, मंत्री-शंकर बजाज, प्रशांत गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

 बंद रहेंगे छत्तीसगढ़ के स्कूल ?

भारत बंद के दौरान छत्तीसगढ़ के बाजार खुले रहेंगे लेकिन निजी स्कूल संचालक संघ ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा का मामला है इसीलिए प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन को अपनी व्यवस्था के अनुसार स्कूल खोले या बंद करने पर सहमति बनी है स्कूल प्रबंधन अपने अनुसार निर्णय ले सकता है।

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