राजधानी : 09 अगस्त 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
नई दिल्ली के कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद अब राज्य शासन भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने जा रही है। प्रदेश के कोचिंग संस्थानों, सार्वजनिक एवं शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही कॉलेज, अस्पताल, मॉल तथा सिनेमा हाल की सुरक्षा जांच की जाएगी। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निगम आयुक्तों और नगर पालिका तथा नगर पंचायत के अध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए निकायों में ऑडिट समिति गठित की जाएगी।
राज्य शासन ने एक महीने के भीतर इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके तहत फायर सेफ्टी, इमरजेंसी डोर, स्वास्थ्य और सुरक्षा, भवन की सुरक्षा, इमरजेंसी नंबर, सीसीटीवी कैमरे व सिक्योरिटी स्टॉफ जैसी चीजों की जांच की जाएगी।
कई अस्पताल व कोचिंग में इमरजेंसी डोर ही नहीं
दरअसल छत्तीसगढ़ में कई ऐसे अस्पताल और कोचिंग सेंटर हैं जो छोटे-छोटे भवनों में संचालित हो रहे हैं। ऐसे स्थानों पर यदि आगजनी या किसी भी प्रकार की घटना होने पर इमरजेंसी डोर भी नहीं हैं। इसलिए ऐसे सभी स्थानों में सुरक्षा मानकों की ईमानदारी से जांच करने की जरूरत है। पचपेड़ी नाका के एक अस्पताल में कुछ साल पहले इस तरह का हादसा हो चुका है जिसमें कई मरीजों की मौत हो गई थी।
निगम, पालिका और नगर पंचायत में बनेगी कमेटी
इसके लिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर सुरक्षा ऑडिट समिति गठित की जाएगी। इसमें नगर निगम में भवन अधिकारी, वरिष्ठ अभियंता के साथ ही राजस्व विभाग के प्रतिनिधि सदस्य होंगे जबकि पालिका व नगर पंचायत में नगर पालिका अधिकारी, वरिष्ठ अभियंता व राजस्व के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
बेसमेंट का उपयोग सिर्फ पार्किंग के लिए
निर्देश में कहा गया है कि किसी भी भवन के बेसमेट का उपयोग सिर्फ पार्किंग के लिए किया जाए। बेसमेट में लाइब्रेरी, क्लासेस, कारोबार, दफ्तर या अन्य गतिविधियां संचालित नहीं किया जाए। बेसमेट में पानी भरने पर उसे निकालने की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। समय-समय पर निकाय स्तर पर इसकी जांच होनी चाहिए।
इन सबकी होगी जांच
कोचिंग, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, हॉस्टल, मॉल, शोरूम, नर्सिंग होम समेत अन्य व्यवसायिक परिसरों को जांच के दायरे में लिया गया है।
ख़बरें और भी …हमसे जुड़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक |