डेंगू का डर,अंबेडकर अस्पताल में चार भर्ती, 10 संदिग्ध इसके बाद भी निगम अलर्ट नहीं, पिछले साल मिले थे 400 मरीज…

रायपुर : 09 अगस्त 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )

राजधानी में डेंगू की एंट्री हो गई है। बुधवार-गुरुवार दो दिन में अंबेडकर अस्पताल में डेंगू के चार मरीजों को भर्ती किया गया है। दस से से ज्यादा मरीजों में डेंगू के लक्षण हैं। उनके ब्लड का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।

शहर के बड़े और मंझोले प्राइवेट अस्पताल में भी डेंगू के एक-दो केस भर्ती हैं। पिछले साल राजधानी में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैला था। चार सौ से ज्यादा पीड़ित हुए थे। अभी अगर नहीं संभले और रोकथाम के उपाय तेजी से शुरू नहीं किए गए तो पिछले साल जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि पानी लगातार गिर रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू के लिए ये पूरी तरह से अनुकूल मौसम है। अंबेडकर अस्पताल प्रशासन ने डेंगू मरीज मिलने के साथ ही उनकी मॉनीटरिंग शुरू कर दी है। मेडिसिन विभाग में डेंगू मरीजों और संदिग्धों का डेटा तैयार किया जा रहा है। रोज रात को एचओडी और विभाग के डाक्टरों को मरीजों की स्थिति की जानकारी भेजी जा रही है। इसमें दिनभर में मरीज की स्थिति की जानकारी अटैच रहती है।

अस्पताल के विशेषज्ञों ने बताया कि अभी तक एक भी गंभीर मरीज नहीं है, लेकिन इसमें सावधानी जरूरी है। इस वजह से भर्ती मरीजों और संदिग्धों की रोज की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। मेडिकल कॉलेज से डेंगू मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को भेजी जा रही है।

राजधानी में अभियान नहीं, बस्तियों में खानापूर्ति, गैरेजों में झांका तक नहीं

राजधानी में डेंगू की रोकथाम के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। डेंगू के मच्छर आमतौर पर बारिश के ठहरे या जमा हुए साफ पानी में होते हैं। इसके बावजूद अब तक बस्तियाें, कालोनियों और मोटर गैराजों में जमा पानी की जांच और उन्हें फेंकने के लिए कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया गया है। भास्कर ने गुरुवार को शहर और आउटर के कुछ मोटर गैराज की जांच की।

तेलीबांधा, पचपेढ़ीनाका, लालपुर और संजयनगर व संतोषीनगर के मोटर गैराज में पुरानी बाल्टी और टायर में साफ पानी भरा नजर आया। उनमें बीमारी के लार्वा भी बन रहे हैं। इस बारे में गैरेज के संचालकों से पूछताछ करने पर उन्होंने कहा- यहां तो कोई जांच करने नहीं पहुंचा है।

यही स्थिति कालोनियाें और बस्तियों में भी है। आमतौर पर लोग कूलर में भरा पानी नहीं फेंकते। उस साफ पानी में भी डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। डेंगू के खतरे को देखते हुए अंबेडकर अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट का रिकार्ड भी अपडेट कर रहे हैं।

डायरिया के 20 से ज्यादा मरीज रोज पहुंच रहे

सर्दी-जुकाम और बुखार के साथ डायरिया के केस भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल की ओपीडी में रोज 50 से ज्यादा मरीज बुखार पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। डायरिया की हालत को ये हो गई है कि रोज 20 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में मरीजों के आने की वजह से डॉक्टर भी हैरान हैं। इनमें 12-14 को रोज भर्ती करना पड़ रहा है। अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार पानी को लेकर लोग अभी भी सावधान नहीं हो रहे हैं। इस वजह से डायरिया और उल्टी दस्त बढ़ रहा है।

डेंगू से होती हैं कई दिक्कतें

डेंगू को लेकर सावधानी जरूरी है। इसमें शरीर में प्लेटलेट तेजी कम होने लगता है। खून के थक्के जमते हैं। हैमरेज का भी खतरा रहता है। इसलिए डेंगू की जांच समय पर जरूरी है। आमतौर पर लोग फीवर को सामान्य मानकर दवाई लेते हैं। इससे शरीर में प्लेटलेट कम होता रहता है। टेस्ट करवाने में देरी पर बीमारी बढ़ जाती है।


(जैसा एमडी डा. अब्बास नकवी और डा. सत्यजीत साहू ने बताया)

मच्छरों की रोकथाम के लिए मुख्यालय के अलावा हर जोन की स्वास्थ्य विभाग की टीम है। लोगों को पानी का जमाव न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। नियमित तौर पर दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर शिविर इत्यादि भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

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