कोंडागांव : 02 फरवरी 2023 ( आशीष दास )
महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं और सहायिकाएं अपनी छ: सूत्रीय मांगों के निराकरण को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही हैं। कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया जा रहा है। इधर, आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लगने से बच्चों को पोषणा आहार सहित शासन की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चों के सेहत पर असर पड़ने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। आंबा बच्चों को हर दिन रेडी टू ईट और विटामिन, प्रोटीन युक्त भोजन आंगनबाड़ी केंद्र में दिया जाना है लेकिन केंद्र में ताला लग जाने की वजह से उन्हें पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है। वहीं जिला प्रशासन ने भी इन आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है।जिससे विभाग की अतिमहत्वपूर्ण योजनाओ का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से बच्चों का न तो अनौपचारिक शिक्षा मिल पा रही है और न ही पोषण आहार मिल पा रहा है। वहीं हड़ताल से गर्भवती महिलाओं, माताओं एवं बच्चों को पोषण आहार भी नहीं मिल पा रहा है।इधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि लंबे समय से सरकार से उनकी घोषणा पूरी करने सहित अन्य मांगों हल करने की मांग की जा रही है। लेकिन सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है। इसलिए मजबूरीवश प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता, सहायिकाओं को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।इस विषय पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अवनी कुमार बिसवाल से बात करने पर उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की हड़ताल के चलते जिले के 1827 आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं जिसका अभी तक कुछ वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया गया। समूह के माध्यम से रेडी टू ईट बटवा दिया गया है।