बलरामपुर. सिविल अस्पताल का नाम सुनते ही आम आदमी के मन में बेहतर इलाज की व्यवस्था घूमने लगती है | और वो इस लिए, क्योंकि शासन की ओर से बेहतर डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टॉफ तैनात किए जाते हैं , परन्तु कभी कभी ऐसा सोचना गलत हो सकता है | क्योंकि इनकी लापरवाही से मरीज ठीक होने के बजाए जिंदगी और मौत के बीच झूलने लगे तो शासन भी क्या कर सकता है | ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर सिविल अस्पताल में सामने आया है, जहां सड़क हादसे में घायल पंडो जनजाति की महिला को इलाज दौरान एक्सपायरी दवाई दी गई, जिससे महिला की तबियत ठीक होने की बजाय और बिगड़ गई हैं | इसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर किया गया |