पांच सूत्रीय मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल परडॉक्टर नर्स और आर एच ओ लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे…..

सुनील सिंह राठौर : नारायपुर

नारायणपुर:–वेतन विसंगति सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन हड़ताल पर चला गया है। इसमें मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र के वर्कर्स ने हिस्सा लिया है। जिसमें डॉक्टर्स ,नर्स और आर एच ओ शामिल हैं।
इस दौरान जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉक्टर, नर्स और आर एच ओ लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। बार-बार आवेदन के बाद भी शासन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे आखिरकार अपनी मांगों को पूरा नहीं होता देख फेडरेशन से जुड़े लोग अब आर पार की लड़ाई करने के लिए मजबूर हो गए हैं। मेडिकल टीम ने कलेक्टर और एसपी से मिलने के बाद अपनी मांगों का ज्ञापन जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ विनोद भोयर एवं सीएचएमओ डॉ टी आर कुंवर को देने के पश्चात जुलूस निकालकर धरना स्थल की ओर कूच किया।

स्वास्थ्य कर्मियों की मुख्य मांग:

में वेतन विसंगति दूर करना।
24 घंटा सेवा अवधि को ध्यान में रखकर साल में एक माह अत्यधिक वेतन देना। कोरोना काल का इंसेंटिव ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हिंसा करने वालों पर त्वरित कार्यवाही।
स्वास्थ्य कर्मियों पर आरोप लगने पर सी.एच.एम.ओ. के देखरेख में जांच और कार्यवाही की मांग शामिल है।
आम जनता को हो रही परेशानी:
डॉक्टर्स ,नर्स और आर एच ओ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकाल आंदोलन पर होने के कारण ओपीडी से लेकर ऑपरेशन तक सेवा, सरकारी अस्पतालों में बाधित हो रही है। डिलीवरी से लेकर एक्सीडेंटल केस भी डॉक्टर्स नहीं अटेंड कर रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

डॉक्टर और नर्सों ने मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल करने की चेतावनी दी है। केंद्र सबको चार स्तरीय समान वेतनमान दे रही है वहीं छत्तीसगढ़ में आज दिनांक तक तीन स्तरीय वेतनमान ही दिया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन में जाने से जिले में स्वास्थ्य सुविधा पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीज इलाज के लिए आते हैं, ऐसे में डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से गरीब जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में गरीबजन मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल की ओर रुक कर रहे हैं।

डॉ केशव साहू (खंड चिकित्सा अधिकारी):
जिस प्रकार पुलिस विभाग में शनिवार, रविवार या रात हो या फिर अवकाश के दिनों में ड्यूटी करने पर उन्हें भत्ता मिलता है। साल में 13 माह का वेतन मिलता है। उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टर, नर्सों को भी अतिरिक्त भत्ता मिलना चाहिए।

मलीना पवार (जिला अध्यक्ष नर्स संगठन):
हमारी मांग 15 से 16 वर्षों से है इसमें मुख्य मांग वेतन विसंगति है केंद्र के समान हमें भी वेतन देना चाहिए।