रायपुर : 25 अप्रैल 2025 (टीम)
छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर से एक प्रेरणादायक खबर सामने आई है। नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (पूर्व में एनआरडीए) ने 1788 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाकर खुद को पूरी तरह कर्जमुक्त घोषित कर दिया है। यह कर्ज भारत सरकार और राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिया गया था, जिसका उपयोग भूमि अधिग्रहण, सड़क निर्माण, सरकारी भवनों, और हिदायतुल्लाह विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों के विकास में किया गया था। इस उपलब्धि के साथ-साथ 100 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी भी राज्य सरकार को वापस कर दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और रणनीतिक नियोजन की नीति ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को संभव बनाया। सरकार ने न केवल प्राधिकरण की आय को बढ़ाया, बल्कि इसके व्यावसायिक संपत्तियों के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देकर ऋणमुक्ति की दिशा में ठोस कदम उठाए। मेडिसिटी, फार्मास्यूटिकल पार्क, सेमीकंडक्टर प्लांट और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे प्रोजेक्ट्स ने निजी निवेश को आकर्षित किया।
वर्ष 2024-25 के तृतीय अनुपूरक बजट में 1043 करोड़ रुपये का प्रावधान और अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्रों के लिए धन आवंटन से प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति और मजबूत हुई। साथ ही, व्यापारियों को राहत देने वाले अध्यादेशों ने आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार दी, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से प्राधिकरण को भी लाभ मिला। ऋणमुक्ति के साथ, अब प्राधिकरण की सभी संपत्तियाँ बंधनमुक्त हो गई हैं, जिससे उनका उपयोग, क्रय-विक्रय और विकास और सुगम होगा। इससे नगदी प्रवाह में सुधार होगा और अधोसंरचना, सार्वजनिक सेवाओं तथा नई परियोजनाओं को तीव्र गति से लागू किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री साय ने इसे नवा रायपुर को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी शहर बनाने की दिशा में एक अहम कदम बताया।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने नवा रायपुर को छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का नया ग्रोथ इंजन बताया। आरबीआई, नाबार्ड, एनटीपीसी जैसे संस्थानों के क्षेत्रीय कार्यालयों की मौजूदगी, बालको और सत्य साईं अस्पताल जैसी मेडिकल सुविधाओं के साथ, नवा रायपुर आईटी और हेल्थकेयर हब के रूप में उभर रहा है। आगामी वर्षों में मेडिसिटी, एडुसिटी, साइंस सिटी, और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाएं इसे देश का एक मॉडल शहर बनाएंगी।
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