छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में नए चेहरों पर दाव , भाजपा और कांग्रेस ने जताया भरोसा…

स्वतंत्र छत्तीसगढ़ :

प्रतिनिधि :हरिमोहन तिवारी


रायपुर : प्रदेश में विधानसभा 2023 के चुनावी रणनिती में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों ने इस बार नए चेहरों को टिकट देने पर ज्यादा जोर दिया है | लेकिन जहां तक भरोसे की बात है तो भाजपा ने कांग्रेस की तुलना में इस बार नए चेहरों पर अधिक विश्वास दिखाया है। भाजपा ने अब तक घोषित कुल 86 विधानसभा सीटों में जहां 44 नए चेहरों को उतारा है | वहीं कांग्रेस की अब तक घोषित 83 सीटों में से केवल 27 पर ही नए चेहरों को अवसर दिया गया है। भाजपा ने जहाँ 51 प्रतिशत नए चेहरों को महत्व दिया है। इसके मुकाबले कांग्रेस ने 32 प्रतिशत को ही चुनावी मैदान में उतारा है। ये वे प्रत्याशी है जो कि पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा की तरफ से जारी प्रत्याशियों की सूची में बस्तर संभाग की 12 सीटों में से आठ उम्मीदवार नए है। जबकि बाकि बची चार सीटों पर पुराने हार चुके प्रत्याशियों को ही पुनः अवसर दिया जाता है। जहां तक विधायकों का टिकट कटने की बात है तो भाजपा ने अपने एकमात्र विधायक का टिकट काटा है, जबकि कांग्रेस ने 18 विधायकों को चुनाव मैदान से बाहर किया है। यानि विधानसभा पर भरोसा जताने के मामले में भी कांग्रेस , भाजपा से पीछे है। हालांकि इसके पीछे अब तक जो कारण सामने आए है, उसके अनुसार क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन और फीडबैक के कारण इनका टिकट कटा है।

कांग्रेस के 35 नए चेहरों ने दिग्गजों को चटाई थी धूल:

विधानसभा चुनाव 2018 के परिणामो पर गौर करें तो पिछले चुनाव में नए चेहरों की जबर्दस्त चमक देखने को मिली थी। कांग्रेस के 35 नए चेहरों ने दिग्गजों को धूल चटा दिया था। इसका असर यह रहा कि 15 वर्षो तक सत्ता में रहने वाली भाजपा के पास केवल 15 सीटें ही बच पाई थी। हलाकि भाजपा की हार के पीछे अन्य और भी कई कारण थे , मगर रूप से आंकलन करें तो लोगों ने यह सन्देश दिया कि वे नए चेहरों को अवसर नहीं देने का दुष्परिणाम 15 वर्षो के बाद 15 सीटों पर समिटकर भाजपा ने चुकाया।

प्रमुख बातें

नए चेहरे: भाजपा ने 44 तो कांग्रेस ने 27 को दिया अवसर
प्रतिशत: भाजपा ने 51 तो कांग्रेस ने 32 प्रतिशत दिया है टिकट
टिकट कटा: भाजपा के एक तो कांग्रेस के 18 विधायकों हुए बाहर चुनावी

  • 2018 के चुनाव में भाजपा के 29 विधायकों को मिली थी पराजय
  • 2018 में कांग्रेस के 21 नए प्रत्याशी बने थे विधायक
    2018 में 15 सीटों पर सिमट गई थी भाजपा
    कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर सत्ता में की थी वापसी
  • पिछली बार हारे थे भाजपा के 29 मौजूदा विधायक
    2018 के चुनाव में भाजपा के 29 मौजूदा विधायक और आठ मंत्री हार गए थे। हारने वाले मंत्रियों में रामसेवक पैकरा, राजेश मूणत, भैयालाल राजवाड़े, प्रेमप्रकाश पांडेय, अमर अग्रवाल, दयालदास बघेल, केदार कश्यप और महेश गागड़ा शामिल रहे। कांग्रेस में नए चेहरे वाले विधायको में 21 विधायक ऐसे भी थे जो कि 30 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।