अमर अग्रवाल ने कराया विजय सम्मेलन, पार्टी-दावेदारों की गतिविधियों पर चुनाव आयोग की नजर ‘बिलासपुर को अपराध मुक्त और एजुकेशन हब बनाने का वादा’…

बिलासपुर में सम्मेलन के बाद भोज का आयोजन किया गया।

स्वतंत्र छत्तीसगढ़ :

बिलासपुर ब्यूरो

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लागू होने के बाद से राजनीतिक पार्टी और दावेदारों की समग्र गतिविधियों पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है। सभा, सम्मेलन और बैठक के लिए दावेदारों को जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेना जरूरी है।

आपको बता दें , शुक्रवार को भाजपा भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने भोज के आयोजन पर भी आयोग की नजर है। जिसकी वीडियो ग्राफी भी कराई गई है। माना जा रहा है कि इस आयोजन का खर्च उनके खाते में जुड़ेगा। इस चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है। दावेदारों की लिस्ट में बिलासपुर संभाग से एकमात्र सीट बेलतरा को छोड़कर सभी में भाजपा ने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। अब भाजपा की राजनीति गरमाने लगी है। उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल अलग-अलग वार्डों और मार्केट में जाकर व्यापारियों से समर्थन मांग रहे हैं।

शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल ने विजय संकल्प सम्मेलन का आयोजन कराया। जिसमें कार्यकर्ताओं को भोज भी कराया गया। इससे पहले उन्होंने कार्यकर्ताओं को अपनी जीत सुनिश्चित कराने का संकल्प दिलाया। इस आयोजन के बहाने बिखरे हुए कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश की गई। इसमें भीड़ जुटाने के लिए भाजपा संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी। सम्मेलन में भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन भी किया गया।

इस सम्मेलन की अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में परिवर्तन की शुरुआत बिलासपुर से हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे अभी भी मोबाइल पर बच्चों का गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं बिलासपुर सांसद अरुण साव ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के लिए भाजपा से ज्यादा आम जनता को मतदान की तारीख का इंतजार है। वहीं, अमर अग्रवाल ने कहा कि चुनाव में कौन कांग्रेस का प्रत्याशी रहेगा, यह मुद्दा नहीं रहेगा। अमर अग्रवाल ने शहर में बढ़ती गुण्डागर्दी, कांग्रेस के दो गुटों के गुण्डों के बीच गैंगवार, लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा, हत्या, लूट और डकैती की घटनाओं से अशांत शहर को अपराध मुक्त बनाने का दावा किया है।

अमर अग्रवाल ने भाजपा की सरकार बनने पर कोटा-राजस्थान की तर्ज पर बिलासपुर को एजुकेशन हब बनाने का वादा किया है। बिलासपुर संभाग के लगभग दस हजार युवक-युवतियां उच्च शिक्षा और कोचिंग के लिए बिलासपुर में रहते हैं। इतने ही प्रतिभागी पीएससी परीक्षा की कोचिंग ले रहे हैं। उनके लिए कोचिंग की सर्व सुविधायुक्त व्यवस्था की जाएगी। साथ ही युवाओं को रहने की अच्छी सुविधा और मार्गदर्शन मिलेगा।

शहरी और ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक परिस्थितियां एकदम अलग नजर आ रही है। शहरी इलाकों में जहां भाजपा प्रत्याशी ने सम्मेलन के बहाने लोगों से मेल मुलाकात शुरू कर दिया है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में उम्मीदवार गांव-गांव पहुंचकर संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ ही जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इस दौरान कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उन्हें चुनाव कार्य में जुटने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, अभी गांव में चुनावी माहौल नहीं बन पाया है। ग्रामीणों के साथ ही कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर चर्चा चल रही है।

इधर , जिला निर्वाचन अधिकारी व प्रभारी कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद से सभी उम्मीदवारों को सभा, सम्मेलन और बैठक के लिए अनुमति लेना जरूरी है। चुनाव आयोग की तरफ से इन सबकी वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। प्रत्याशियों के खर्च की निगरानी के लिए ब्लॉक स्तर के अलावा जिला स्तर पर भी अलग-अलग टीम का गठन किया गया है, जो प्रत्याशियों के खर्चों का सत्यापन करेंगे और गड़बड़ी पाए जाने पर चुनाव आयोग के बड़े अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट बनाकर सौपेंगे।

जांच के बाद उस प्रत्याशी पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ संदेह होने पर प्रारंभिक तौर पर प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया जाएगा। तय कीमत से अधिक खर्च की पुष्टि होने पर उम्मीदवार का निर्वाचन भी शून्य कर दिया जाएगा। प्रदेश में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होगा। आयोग ने चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च करने की राशि भी तय कर दी है। इस बार विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी अधिकतम 40 लाख रुपए तक खर्च कर सकता है।