रावे विद्यार्थीयों ने किया ग्राम पालकी में वृक्षारोपण और कृषि केंद्र का भ्रमण…

स्वतंत्र छत्तीसगढ़ :

सुनील राठौर : नारायणपुर


कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र केरलापाल, नारायणपुर के चतुर्थ वर्ष के छात्र छात्राओं का रावे ( ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थीयों को 6 महीने ग्राम पालकी में रहकर उनको ग्रामीण कृषि की जानकारियों को साझा करना है। विगत दिनों रावे विद्यार्थीयों को कीटनाशकों एवं फफुंदीनाशक दवाओं के जानकारी प्रदान करने के लिए अतिथि अध्यापक डॉ. कृष्णा गुप्ता, कुमारी निधि यादव एवं डॉ. प्रशान्त बिझेकर द्वारा नारायणपुर में स्थित मंडल कृषि केंद्र का भ्रमण कराया ।

किसानो के लिए फसल बहुत महत्व रखती है, फसल को सुरक्षित रखने विभिन्न उपायों का प्रयोग करता है | फसल को सुरक्षित रखने और उन्हें होने वाली हानियों से बचाने के लिए कई तरह की दवाइयाँ और कीटनाशको का उपयोग करता है, जिन्हे किसान खरीदकर उपयोग में लाता है, किन्तु इन कीटनाशक और दवाइयों का नाम नहीं पता होते है | जिस वजह से दवाइयों को खरीदने में दिक्कत होती है, इसलिए इन कीटनाशकों के नाम को जानना भी जरूरी होता है जिससे फसल की जरूरत के अनुसार कीटनाशको का चयन कर उनका उपयोग किया जा सके | | इन सभी कीटनाशक दवाओं के नाम और प्रयोग के बारे में जनकारी प्राप्त करने के लिए रावे विद्यार्थियों को भ्रमण कराया गया |


मण्डल कृषि केन्द्र नारायणपुर के संथापक मण्डल के द्वारा सभी चतुर्थ वर्षीय रावे विद्यार्थीयों को कीटनाशकों, निंदानाशको एवं फफुंदीनाशको के बारे में जानकारी प्रदान किया गया। मुख्य धान्य फसलों, सब्जियों के कीटों एवं बीमारियों को दूर करने के रासायनिक दवाओं के व्यापारिक नाम, समूह, मात्रा एवं प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी गई । उन्होंने बताया की कीट नाशक रासायनिक या जैविक पदार्थों का ऐसा मिश्रण होता है जो कीड़े मकोड़ों से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने, उन्हें मारने या उनसे बचाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कृषि के क्षेत्र में पेड़ पौधों को बचाने के लिए किया जाता है। उर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करते हैं जबकि कीटनाशक कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्टि करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है। कीटनाशक रसायनिक पदार्थ (फासफैमीडोन, लिंडेन, फ्लोरोपाइरीफोस, हेप्टापक्लोपर तथा मैलेथियान आदि) का दैनिक उपयोग में आने वाले कीटनाशकों के नाम, बेन कीटनाशकों ,खरपतवार नाशक, आदि के जनकारी दी गई, कृषि केंद्र खोलने के लिए लगने वाले लागत और लाइसेन्स प्राप्त करने की जानकारी दी गई। इसी तारतम्य में रावे विद्यार्थीयों के द्वारा विगत दिवस आम, अमरूद, बेल, काजू , कटहल आदि के 128 फलदार पौधे ग्राम पालकी में सड़क किनारे लगाए । रावे के छात्रों ने अपने अपने अंगीकृत कृषक एवम ग्रामीण लोगों को वृक्षारोपण के महत्व को बताया एवं बरसात के मौसम में वृक्षारोपण कर उनकी देखभाल करने की सलाह दी । पौधरोपण कार्यक्रम में पालकी सरपंच ने पौधा लगाकर कर्यक्रम की शुरुवात की और अन्य ग्रामीणों के साथ छात्रों ने भी सड़क के किनारे पौधे रोपे ।

संपूर्ण कार्यक्रम का मार्गदर्शन अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र केरलापाल नारायणपुर द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय से डॉ.जीवनलाल नाग प्राध्यापक , डॉ. अनिल दिव्य सहायक प्राध्यापक, अतिथि शिक्षक डॉ. विकास, निधि यादव, डॉ. कृष्णा गुप्ता, सूर्यकांत चौबे, डॉ. नवनीत ध्रुवे एवं डॉ. प्रशांत बिझेकर के साथ साथ कृषि महाविद्यालय एवं अनुशंधान केंद्र केरलापाल नारायणपुर के राष्ट्रीय स्वयं सेवक में अंगद राज बग्गा, युगल किशोर , कीर्ति साहू, प्रेमप्रकाश, प्रीति साहू, पिंकी कश्यप, चमन लाल मरकाम, लक्ष्मी साहू, महेश,हितेश, एवं अन्य उपस्थित थे।