वर्षों से ग्रामीण बिजली कनेक्शन के लिए हैं वंचित – विवश होकर तय किया आगामी विधानसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार …

स्वतंत्र छत्तीसगढ़ :

आनंद गुप्ता (रिपोर्ट ) जशपुर

ग्रामीणों ने माननीय प्रधानमंत्री महोदय, माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, माननीय सांसद महोदया (श्रीमती गोमती साथ) विधायक विनय भगत, माननीय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कलेक्टर कार्यालय, जिला जशपुर (छ.ग.) माननीय अध्यक्ष महोदय (श्री मोहन मरकाम), छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी , राजीव भवन, शंकर नगर, रायपुर (छ.ग.) से किया संपर्क , किसी ने भी सुध नहीं ली |

जशपुर: 10 सितम्बर 2023 . आज हमारा भारत देश आजादी के 75. वर्ष बाद आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वही छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के एक गाँव धवर घाटी पोस्ट, सराईटोली तहसील सन्ना, जिला जशपुर नगर (छ.ग.) में स्थित है। जहाँ आजादी के 75 साल बाद भी आज तक बिजली की सुविधा नहीं होने से अंधेरा रहता है। बावजूद ग्राम धवरघाटी के लोगों ने इस बार भी अँधेरे में आजादी का महोत्सव मनाया”। जबकि सरकार ने 2018 में देश के हर कोने में पूर्ण विद्युतीकरण और अंतिम छोर तक बिजली पहुंचाने का दावा किया था। केवल 250 की आबादी वाले इस गांव में 30 घर ऐसे हैं, जिनमें बिजली का बल्ब नहीं है। ग्रामीणों को अपने मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय करके सरई टोली जाना पडता है। छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ है और शाम को पढ़ाई के लिए मोमबत्तियों का उपयोग करते हैं। महिलाओं को रात का खाना सूर्यास्त से पहले तैयार करना होता है।

“पिछले कई दशको से यहाँ के लोग जन प्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। साल बीत गए, सरकारे बदल गई, लेकिन अंधेरे में ही रह रहे। गांव में ज्यादातर परिवार खेती पर निर्भर है, कुछ किसान खेतो में काम करते हैं और कुछ गांव के आसपास पट्टे पर ली गई जमीन पर खेती करते हैं। पिछले पांच वर्षों में बिजली न होने के कारण 50 लोग गांव से पलायन कर चुकें हैं |

2015 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आपने कहा था कि भारत के 18,500 गांवो में बिजली नहीं है और उन्होंने अगले 1,000 दिनों के भीतर उस वास्तविकता को बदलने का वादा किया था। सितंबर 2017 में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना शुरू की गई थी | जिसमें मार्च 2019 तक अंतिम मील कनेक्टिविटी और कुल विद्युतीकरण की परिकल्पना की गई थी। 987 दिनों में वादे से कम 28 अप्रैल, 2018 को सरकार ने दावा किया कि वादा पूरा हो गया है। “28 अप्रैल, 2018 को एक ट्वीट में कहा गया था कि, भारत की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। मुझे खुशी है कि भारत के हर एक गांव में अब बिजली पहुंच गई है।

स्वतंत्र छत्तीसगढ़ से ग्राम की जनता ने कहा कि “ हम केवल इतना जानते है कि हम बिना बिजली के रहते है। सूर्यास्त के बाद हम मोमबत्तियों ,दीये, टॉर्च और रिचार्जेबल बैटरी (सोलर लैप) का उपयोग करते हैं। हर किसी के पास रिचार्जेबल बैटरी नहीं होती। सरकार ने पीडीएस योजना के तहत मिट्टी के तेल का वितरण भी बंद कर दिया है। कभी-कभी हमें दीये जलाने के लिए अपने सरसों के तेल का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हालांकि यह बहुत महंगा है ” |

उपरोक्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए धरघाटी ब्लॉक सन्ना के समस्त ग्रामवासी माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि इस मामले को गंभीरता से लेने की कृपा करें और ग्राम धवरघाटी के ग्रामीणों की मदद करें। कृपया एक सिंगल बत्ती कनेक्शन प्रदान करे ताकि जीवन को उस दुश्वारियों से मुक्ति मिल सके जिसका सामना सभी ग्रामीण कर रहे हैं। कृपया जल्द से जल्द इस समस्या का निदान कर हम ग्रामवासियों पर उपकार करें। उपरोक्त समस्याओं का निदान नहीं होने पर समस्त ग्रामवासी आगामी चुनाव में मतदान ना करने को मजबूर होगे।

ग्रामीणों ने बताया कि भारत में प्रधानमंत्री के सहज बिजली हर घर योजना को भी ध्यान में नहीं रखा जा रहा है | वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री ने भरे मंच में ऐलान किया था कि भारत देश के अंदर कोई भी गांव अंधेरा में नहीं रहेगा और 1000 दिन के भीतर 18500 गांव में विद्युत कनेक्शन पहुंचने का वादा किया था परंतु वर्षों से ग्राम ग्रामवासी गांव में एकल विधि विद्युत कनेक्शन के लिए तरस रहे हैं जिसके लिए ग्रामीण स्थानीय विधायक कलेक्टर मुख्यमंत्री से भी कई बार गुहार लगा चुके हैं ऐसे में गांव में बिजली नहीं आना स्वाभाविक है ग्रामवासी ने आप थक हार करके आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है |