रक्षाबंधन पर्व पर होगी भद्रा,जानें राखी बांधने का मुहूर्त, 30 अगस्त को मनाई जायेगी राखी – पंडित कान्हा शास्त्री…

स्वतंत्र छत्तीसगढ़

बी.आर.कुर्रे : खरसिया

सनातन संस्कृति में रक्षाबंधन का बहुत महत्त्व है। सनातन संस्कृति में त्यौहार मनाने के नियम बने हुए हैं, अतः उन नियमों के अनुसार ही त्यौहार कब होगा उसका निर्धारण किया जाता है। इस वर्ष 2023 यानि संवत 2080 को श्रावण मास की पूर्णिमा दिनांक 30 अगस्त को भद्रा के पश्चात रात के 09.02 बजे के बाद या भद्रा पूच्छ में शाम के 05.30 से 06.31 बजे के बीच में रक्षासूत्र बांधा जा सकता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित कान्हा शास्त्री ने बताया कि सबसे पहले निर्णय सिंधु में लिखा हुआ है, भद्रायां द्वे ना कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा श्रावणी और होलिका कभी भी भद्रा में नहीं करना चाहिए। श्रावणी का ही महत्वपूर्ण अंग है रक्षाबंधन। तत्स्तवे तु रात्रावपि तदन्ते कुर्यादिति निर्णयामृते इदम् प्रति पद्युतायां ना कार्यम्। नंदाया दर्शने रक्षा बलिदानं दशासु च भद्रायां गोकुलक्रीड़ा देश नाशाय जायते।। यानि भद्रा हो तो भद्रा के उपरांत रात्रि में भी रक्षाबंधन कर लेवें, यह निर्णयामृत में कहा गया है। रक्षाबंधन का कार्य कभी भी नंदा तिथि यानि एकम को कभी नहीं करना चाहिए। ऐसा क्यों लिखा है उसका प्रमाण भी दिया है, नंदा में दर्शन रक्षा बलिदान दशाओं में और भद्रा में गोकुल क्रीड़ा देश नाश के निमित्त होती है। ऐसा मदन रत्ने और ब्रह्म वैवर्त में लिखा गया है। यह प्रमाण आपको निर्णय सिंधु के द्वितीय अध्याय परिच्छेद 2 के पेज नंबर 180 पर स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।

धर्मसिंधु के दूसरे अध्याय परिच्छेद 2 पेज नम्बर 103 के अनुसार अथ रक्षाबंधनम् अस्यामेव पूर्णिमायां भद्रा रहितायां त्रिमुहूर्ताधिक उदय व्यापिनियाम् अपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम् || उदयत्रिमुहूर्त न्यूनत्वे पूर्वेद्यूर्भद्रा रहिते प्रदोषादिकाले कार्यम् ||

धर्मसिंधु के अनुसार भद्रा रहित और तीन मुहूर्त से अधिक उदय काल व्यापिनी पूर्णिमा के अपराह्ण व प्रदोष काल में रक्षाबंधन करना चाहिए। अगर पूर्णिमा दूसरे दिन तीन मुहूर्त से कम हो तो पहिले दिन भद्रा रहित प्रदोष काल में भी रक्षाबंधन कर सकते हैं। अब यहाँ पूरा प्रमाण दे दिया गया है, फिर भी कुछ विद्वान् अपनी जबरदस्ती की बात इस प्रमाण में देंगे कि भद्रा इस लोक या उस लोक की है इसलिए भद्रा में आप रक्षाबंधन कर सकते हैं। पर ऊपर साफ और स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि भद्रा में रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए।

इसलिए आप सभी से निवेदन है 30 अगस्त को शाम के 5.30 से 06.31 बजे तक भद्रा पूच्छ में और नहीं तो रात के 09.02 बजे के बाद रक्षाबंधन करना चाहिए।