डिजिटल नंबर प्लेट लगाने गई नगर निगम, गायब मिले 58 हजार मकान मालिक, आखिर क्या है माजरा…

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।‌ उसी तर्ज पर राजधानी के घरों को भी स्मार्ट तकनीकी से जोड़ा जा रहा है। जिसके लिए घरों के बाहर डिजिटल डोरप्लेट लगाई जा रही है। इस बीच नगर निगम की टीम के सामने ऐसी समस्या सामने आई कि एक बार को तो वो भी हैरान हो गई।

दरअसल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नंबर लगाने नगर निगम की टीम निकली हुई है। इस बीच करीब 58000 घरों में डिजिटल प्लेट लगाने के दौरान सर्वे में पता चला कि इन घरों की जानकारी नगर निगम के पास है ही नहीं। ‌जिसके कारण हजारों घरों की प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर निगम की वसूली पर पड़ रहा है।

बिना घर मालिक के जानकारी के लगी डिजिटल प्लेट
मिली जानकारी के मुताबिक इन दिनों नगर निगम द्वारा घरों के बाहर डिजिटल डोर प्लेट लगाई जा रही है। निगम में 3 लाख 25 हजार घर रजिस्टर्ड है। इनमें से सर्वे टीम को 58 हजार ऐसे घरों का पता चला है जिनके मालिकों की जानकारी निगम के पास नहीं है। केवल 1 लाख 98 हजार घरों की रसीद काटी जा रही है। इन 58 हजार घरों में लगी डिजिटल प्लेट से यूनिक आईडी तो जनरेट हो रही है। लेकिन इनके मालिकों की डिटेल सामने नहीं आ रही है। जिसका सीधा असर निगम की वसूली पर पड़ रहा है।

मालिकों के घरों का रेकॉर्ड खंगालेगा नगर निगम
डिजिटल डोर प्लेट लगाने के दौरान जिन 58000 घरों के मालिकों का अब तक पता नहीं चला है। अब नगर निगम उन सभी के रेकॉर्ड खंगालने का काम पर निगमायुक्त ने कर्मचारियों को लगा दिया है। नगर निगम के आयुक्त मयंक चतुर्वेदी ने सभी जोन के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें घरों की जानकारी इकट्ठी करने के निर्देश दिए हैं।

बकायादारों को नगर निगम देगी नोटिस
अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि बकायेदारों की सूची तैयार कर उन्हें नोटिस देकर टैक्स की वसूली में तेजी लाई जाए। निगम के अफसरों ने प्रॉपर्टी मालिकों को ढूंढने की मशक्कत भी शुरू कर दी है। आचार संहिता से पहले अफसरों को टैक्स वसूली में तेजी लाने को कहा गया है। क्योंकि उस समय केवल मूलभूत काम ही हो सकेंगे।