ब्यूरो चीफ नारायणपुर : सुनील सिंह राठौर
शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के महज एक माह में छात्रों को अचानक दी गयी TC.

स्वामी आत्मानंद विद्यालय छोटेडोंगर के 9वीं व 10 वीं में फेल हुए छात्रों व उनके परिजनों का प्राचार्य पर गंभीर आरोप,छात्रों ने कहा शिक्षा सत्र चालू हुए 1 माह बीतने वाला है और वही प्राचार्य छात्रों व परिजनों को सूचना दिए बिना ही अचानक 10 छात्रों को टीसी दे दिए। छात्र वर्तमान सत्र में ही अनुत्तीर्ण है। छोटेडोंगर, मुख्यालय नारायणपुर से महज 50 किलोमीटर दूर होने के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। अब वहीं परिजन छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित होकर हल्ला बोल करते नजर आ रहें हैं।
बच्चों के अभिभावक का कहना है कि हम भी स्कूल में पढ़े हैं और हमें भी मालूम है कि 2 साल लगातार उसी कक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर स्कूल से निकला जाता है परन्तु हमारे बच्चों को जो इसी वर्ष में ही फेल हुए हैं और अब उन्हें टीसी थमा रहे हैं प्राचार्य, जो गलत है ?
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र झा :

जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है की प्राचार्य से बात हुई है 9-10 बच्चों को टीसी दिया है जो साल भर स्कूल ही नहीं आए या फिर सभी विषयों में फेल हुए हैं। लगातार दो साल फेल हुए बच्चों को ही टीसी दिया जाता है या बच्चे फेल होने पर ओपन परीक्षा द्वारा बैठते हैं ,तो उन्हें टीसी देकर ही औपचारिकता की जाती है। सच की पड़ताल करवाता हूं, वास्तविकता क्या है ?

जानकारी के अनुसार 40 बच्चों के फेल होने की जानकारी है, जिनमें से अब तक 9-10 बच्चों को प्राचार्य ने टीसी थमा दिया है। अब बच्चों के परिजन उनके भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। सवाल ये भी उठ रहा है कि स्कूल खुलने के 1 महीने बाद प्राचार्य का ऐसा कदम क्या बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है?
सरपंच हरि राम मांझी:
सरपंच ने बताया बच्चों के अभिभावक मेरे पास आए थे और इस बारे में शिकायत की। सही जानकारी हेतु इनको साथ लेकर मैं प्रिंसिपल से मिलने आया था पर प्रिंसिपल नारायणपुर प्रवास में हैं जानकारी मिली तो कोई बात नहीं हो पाई।
प्राचार्य स्वामी आत्मानंद स्कूल छोटे डोंगर लवन बंजारा :
प्राचार्य बंजारा जो प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं ने बताया तुषार साहू के पालक को हमने बुलाया था कि आपका बच्चा सभी विषय में फेल है और इसे ओपन में परीक्षा दिलवाते हैं इस बीच यह स्कूल में बैठने की अनुमति हम इसे दे देंगे। उन्होंने हां कहा था और समझौता वश यह कार्यवाही करते हुए की गई थी। ओपन में परीक्षा दिलाने के लिए टीसी काटना जरूरी होता है। इसलिए टीसी दी गई थी। और भी बच्चों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है बहुत बच्चे सभी विषयों में फेल हैं और कुछ बच्चे साल भर स्कूल ही नहीं आ रहे थे इसलिए उनके पालकों को समझा कर उक्त कार्यवाही की गई थी।