CG कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज शपथ ग्रहण आज: राजीव भवन में पदभार ग्रहण करेंगे, सीएम भूपेश, मंत्री मरकाम समेत कई नेता मौजूद रहेंगे…

रायपुर : 15 जुलाई 2023

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज आज पदभार ग्रहण करेंगे। दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर बैज रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से सीधे कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन पहुंचकर कार्यभार संभालेंगे।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री मोहन मरकाम, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव और सह-प्रभारी विजय जांगिड़ समेत मंत्रिमंडल के सदस्य और पार्टी के पदाधिकारी शामिल होंगे।

पदभार ग्रहण करने से पहले राहुल, सोनिया, प्रियंका और खड़गे से मुलाकात
प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद दीपक बैज ने दिल्ली में सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव केसी वेणुगोपाल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा से मिलकर आभार जताया।

दीपक बैज का अब तक का सियासी सफर
दीपक बैज बस्तर के आदिवासी नेता हैं। 14 जुलाई 1981 को बस्तर के गढिया में जन्मे दीपक बैज ने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। 2008 में वे NSUI के जिलाध्यक्ष बनाए गए थे।
2009 में वे ब्लॉक कांग्रेस कमेटी लोहांडीगुडा के कार्यकारी अध्यक्ष बने। 2012 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए। 2013 में पहली बार उन्हें विधानसभा का टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की। 2018 के चुनाव में फिर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बस्तर से सासंद बने।

बैज के प्रदेश अध्यक्ष बनने के मायने
दीपक बैज को मुख्यमंत्री की पसंद माना जाता है। आने वाले दिनों में टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रबंधन में प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। ऐसे में सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल नजर आएगा। हालांकि बैज के सामने चुनाव से पहले अपनी टीम तैयार करने, मरकाम के करीबी नेताओं के साथ तालमेल बिठाने की चुनौती जरूर रहेगी। प्रदेश के 33 जिले और 90 विधानसभा सीट में दौरा भी बैज के लिए आसान नहीं रहेगा।

बैज को इसलिए कमान :
चित्रकोट से दो बार विधायक और वर्तमान बस्तर सांसद दीपक बैज आदिवासी चेहरा हैं। राहुल गांधी के पसंदीदा नेताओं में जाने जाते हैं। बैज को सीएम भूपेश का करीबी भी माना जाता है। प्रदेश कांग्रेस के नए मुखिया के तौर पर भूपेश ने ही बैज का नाम दिल्ली में आगे किया। मरकाम बस्तर में कोंडागांव से हैं। उन्हें हटाकर बस्तर के ही आदिवासी नेता को अध्यक्ष बनाने पर सहमति थी। इसलिए बैज को चुना गया।

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