‘राजनीतिक खर्च में उपयोग हुआ वसूली का पैसा’ ED का दावा- 2 साल में 540 करोड़ की उगाही…

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ईडी ने लगातार छापेमारी कर कोल घोटाले को उजागर किया था। कोल घोटाले में अभी तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें IAS अधिकारी भी शामिल हैं। ईडी का दावा है कि पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च के लिए किया गया है।

हाइलाइट्स

  • छत्तीसगढ़ कोल घोटाले में नया खुलासा
  • 540 करोड़ रुपए की हुई अवैध वसूली
  • ईडी की दावा- राजनीतिक खर्च में में पैसे का उपयोग
  • अब तक 220 करोड़ रुपए की संपत्ति हुई जब्त

रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोल घोटाले के मामले में ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि रायपुर में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने कोयला और लोहे के छर्रो की आवाजाही पर अवैध लेवी से संबंधित एक मामले में दायर दो अभियोजन शिकायतों का संज्ञान लिया है। इस मामले में उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई समेत अन्य जांच के दायरे में हैं। इस मामले में ईडी ने पहले विश्नोई और चौरसिया को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि इस जबरन वसूली रैकेट में 540 करोड़ रुपये लिए गए हैं। ईडी के अनुसार, 540 करोड़ रुपए जबरन वसूली का अपराध अर्जित किया गया था। इसका उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्ति बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया था। ईडी ने इस मामले में 220 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है।

अब तक 9 लोग किए गए गिरफ्तार
ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोयला, लोहे के छर्रो आदि की आवाजाही पर अवैध लेवी वसूलने वाले कोयला व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और चौरसिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। ईडी ने कई तलाशी ली हैं और अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने मामले में रायपुर की एक विशेष अदालत के समक्ष सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और अन्य के खिलाफ दो अभियोजन शिकायतें भी दर्ज की हैं। अब, विशेष अदालत (पीएमएलए) रायपुर ने ईडी की अभियोजन शिकायतों का संज्ञान लिया है।

क्या है कोल स्कैम :
बता दें कि छत्तीसगढ़ में ईडी ने लगातार कर छापेमारी कर कोल स्कैम को उजागर किया था। ईडी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले के परिवहन पर 25 रुपये की वसूली की जाती थी। इस मामले में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलिए शामिल थे। ईडी के अनुसार, बीते दो साल में अवैध वसूली के जरिए कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई थी।