तीन भालुओं ने किया हमला: पत्नी के सिर, चेहरे से नोच ले गए मांस, मौके पर तोड़ा दम; वृद्ध की हालत गंभीर…

बलरामपुर: इजहार अहमद

कुसमी रेंजर पाली राम ने बताया कि घायल को इलाज के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। लोगों को जंगल में जाने से रोकने के लिए मुनादी कराई जा रही है। आम और तेंदूपत्ता के साथ ही सालबीज का सीजन होने के कारण बड़ी संख्या में लोग जंगल जाते हैं। 

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में गुरुवार सुबह जंगल में आम तोड़ने और लकड़ी बीनने के लिए गए बुजुर्ग दंपती पर भालुओं ने हमला कर दिया। एक साथ तीन भालुओं के इस हमले में वृद्धा की मौके पर मौत हो गई। भालू उसके चेहरे और सिर सहित अन्य हिस्से से मांस नोचकर ले गए। जबकि उसका पति गंभीर रूप से घायल हो गया। उसको कुसमी अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद अंबिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया गया है। घटना कुसमी विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोपातू में हुई है। 

जानकारी के अनुसार, ग्राम गोपातू निवासी मंगरा नगेशिया (86) गुरूवार सुबह करीब 9.30 बजे अपनी पत्नी गेंदिया नगेशिया (82) के साथ पास के जंगल में आम तोड़ने और सूखी लकड़ी बीनने के लिए गया था। दोनों वहां काम में लगे हुए थे। इसी दौरान झाड़ियों से निकले तीन भालुओं ने दोनों पर हमला बोल दिया। गेंदिया नगेशिया पर दो भालुओं ने एक साथ हमला किया और उसके सिर, चेहरे एवं अन्य हिस्सों में काट लिया। वहीं एक भालू ने मंगरा नगेशिया पर हमला कर उसके जांघ और कुल्हे में काट लिया। 

शोर सुनकर दौड़े लोग तो भागे भालू
मंगरा नगेशिया और गेंदया ने भालुओं के हमला करने पर शोर मचाया। कुछ दूर पर अन्य ग्रामीण मौजूद थे, जो आम और लकड़ी के लिए गए थे। वहां से गांव के कुछ घर भी पास हैं। शोर सुनकर लोग हल्ला करते हुए मौके पर पहुंचे। अन्य लोगों को पास आता देख भालू जंगल में घुस गए। लोग जब तक उनके पास पहुंचे भालुओं के हमले में गंभीर रूप से घायल हुई गेंदिया की मौत हो चुकी थी। मंगरा नगेशिया घायल अवस्था में मिला, जिसे उठाकर ग्रामीण गांव तक पहुंचे। वहां से उसे स्थानीय अस्पताल में दाखिल कराया गया। 

वनअमले ने लोगों को किया सतर्क
भालुओं के हमले में वृद्धा की मौत और पति के घायल होने की सूचना पर वनविभाग का अमला मौके पर पहुंचा। कुसमी रेंजर पाली राम ने बताया कि महिला के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घायल को इलाज के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। लोगों को जंगल में जाने से रोकने के लिए मुनादी कराई जा रही है। आम और तेंदूपत्ता के साथ ही सालबीज का सीजन होने के कारण बड़ी संख्या में लोग जंगल जाते हैं। ऐहतियातन लोगों से जंगल न जाने की अपील की जा रही है।

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