संजय तिवारी: पत्थलगांव (11 मई 2023)
पत्थलगांव। जशपुर जिले के पत्थलगांव में एक तरफ नगर पंचायत बजट का रोना रो रही है तो दूसरी तरफ जिम्मेदारों की अनदेखी से हर साल लाखों रुपये राजस्व देने वाले स्रोत के प्रति बेपरवाह बनी है। बैनर-होर्डिंग से अपना प्रचार-प्रसार करने वाले नगर पंचायत को चूना लगा रहे हैं। नगर पंचायत न तो उनसे टैक्स ले पा रही है और न ही कोई कार्रवाई कर रही। जिम्मेेदार बजट का रोना रोकर नगर के विकास पर ब्रेक लगाए हुए हैं।
नगर पंचायत क्षेत्र में कहीं भी प्रचार-प्रसार का बैनर-होर्डिंग लगाने के लिए नगर पंचायत से अनुमति लेनी होती है। यह आय का प्रमुख जरिया है। एरिया लोकेशन के लिहाज से फर्म पंचायत को टैक्स चुकाते हैं। नगर के प्रमुख चौराहे और फुटपाथ अवैध होर्डिंग-बैनर से पटे पड़े हैं। इनमें ज्यादातर दुकानदार और विभिन्न राजनैतिक दलों की होर्डिंग हैं। अवैध होर्डिंग-बैनरों पर नगर पंचायत कार्रवाई नहीं बल्कि मोटी कमाई कर रहा है। इसी का नतीजा है कि निर्धारित प्वाइंट के अलावा बिजली के खंभे तक होर्डिंग-बैनर से खाली नहीं हैं।ये राहगीरों के लिए आफत बने हैं। वहीं नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्याम नारायण गुप्ता आरोप लगाया है कि नगर के मुख्य चौराहा, ब्लाक कार्यालय, अस्पताल आदि सरकारी कार्यालयों और स्कूलों के आसपास बड़ी संख्या में होर्डिंग-बैनर लगे हैं। इससे जहां अतिक्रमण हो रहा है, वहीं वाहनों को निकलने में दिक्कतें हो रही हैं। कई हादसा हो रहें हैं, नगर पंचायत के अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है।सड़क किनारे बांस-बल्लियों के माध्यम से लगे होर्डिंग अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। अक्सर वाहनों के आने-जाने में यह होर्डिंग फंस जाते हैं। जान की परवाह किए बगैर बिजली के खंभों तक में होर्डिंग लगा दी गईं। ऐसे में शहर की बिगड़ती सूरत को संवार कर इन्हे लगाने वालों पर अंकुश लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी दफ्तरों में बैठकर कुलर में आराम फरमा रहे है। नगर पंचायत के अधिकारी का कहना कि बिना अनुमति के लगाए गए सभी होर्डिंग,बैनर व पोस्टरों को जल्द हटवाया जाएगा। नगर में अवैध होर्डिंग्स लगाने वालों या लगवाने वालो पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि कब तक अवैध होर्डिंग्स शहर से हट पायेगी।
नगर में फिर एक बार फिर अतिक्रमणकारी के हौसले बुलंद
नगर के खाली जगहों पर अतिक्रमण कारियों की नजर बनी पड़ी है खाली जगहों पर फिर से पक्के निर्माण कराये जा रहे या कह सकते है कि दिए गए पट्टे एवम अस्थायी प्रतिष्ठानों को पक्के एवम स्थाई निर्माण करने में लग चुके है। वही ये सब इनके नजरों के सामने ही हो रहा है पर ये आंख मूंदकर पूरा तमाशा देख रही है। नगर में हो रहे निर्माण पर लगाम लगाने के बजाए उदासीन अधिकारी कर्मचारी देखकर भी अनदेखा कर रही है। सूत्रों से पता चला है कि इन अवैध निर्माणों के पीछे बड़े राजनीतिज्ञों का हाथ रहने की बात सामने आ रही है, उन्ही के बल पर रही सड़क किनारे पक्के का अवेध निर्माण कराये जा रहे है।