मुद्दा फिल्म उद्योग की जमीन का ,सत्ताधारी नेताओं की नजर टिकी …

राखी श्रीवास्तव – विशाखापत्तनम

विशाखापत्तनम: 19 अप्रैल 2023 : तेलुगु फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा विशाखापत्तनम में रामा नायडू द्वारा फिल्म स्टूडियो को दी गयी थी | अधिकारीयों द्वारा लेआउट और परमिटों के अनुमोदन पर गंभीर आलोचना की गयी | क्यों ऐसा है , कौन है इसके पीछे और ले आउट की अनुमति किसने दी ? ये चीजे अहम् हो गयी हैं |

विशाखा रामा नायडू फिल्ड स्टूडियों हेतु तेलुगु देशम पार्टी के शासन काल में तेलुगु फिल्म को बढ़ावा देने के लिए विशाखापत्तनम जिले में आबंटित भूमि में ले आउट के लिए सरकारी अनुमति विवादास्पद हो गयी है | GVMC में आवेदन करने से पहले ही फाइलों को बिना किसी समस्या के परदे के पीछे रखना चर्चा का विषय बन गया हैं | इतना ही नहीं,अधिकारीयों के ले आउट और परमिटों के अनुमोदन की आलोचना की गयी है | आरोप लगाया जा रहा है कि सत्ता पक्ष के प्रमुख नेताओं ने इस मामले में पलटवार की है | और इसलिए पूर्व आयुक्त ने जोश दिखाया है |

फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशाखापत्तनम के तटीय पहाडी पर स्टूडियो हेतु रामा नायडू द्वारा दी गयी भूमि के व्यवसायीकरण का प्रयास किया जाना चर्चा का विषय बन चूका है | इस स्टूडियो को दी गयी जमीन पर पहले भी आपत्तियां आती रही है | जैसे जैसे वर्ष बीतते जा रहें हैं,15.18 एकड़ में ले-आउट कराने की मंशा चर्चा का विषय बन गया है | ऐसा लगता है परमिट के लिए आवेदन करने से पहले बिना किसी हिचकिचाहट के परदे के पीछे बात होती रही | 13 सितम्बर 2003 को तेदेपा सरकार ने रामा नायडू स्टूडियो को विशाखा-भिमिली बीच रोड पर 34.44 एकड़ जमीन आबंटित की | जिसकी कीमत तत्कालीन बाज़ार मूल्य 5 लाख 20 हजार रुपये प्रति एकड़ के दर पर आकीं गयी | इसी के अनुसार रुपये जमा करने पर सुरेश प्रोडक्शन कम्पनी ने सेल डीड बना ली | अब विगत 13 सालों से खाली पड़े जमीन में से कुछ का शिलान्यास करने की अनुमति मिलना विवाद का विषय बन गया है | जबकि 4 एकड़ जमीन प्रतिबंधित क्षेत्र हैं | आवेदन के तीन दिनों के भीतर ले-आउट अनुमतियों पर मुहर लग जाती हैं जबकि 3 अप्रैल को किया गया था आवेदन और वहीं LTP तीन दिनों के लिए LOGIN किया गया | वहां से GVMC TPA 2 घंटे और ACP पर 27 मिनट और वहां से CCP LOGIN पर पहुँचने के 57 मिनट बाद तत्कालीन कमिश्नर राजा बाबु LOGIN में गए | उन्होंने मात्र 45 मिनट में अपनी स्वीकृति दे दी | आशंका जताई जा रही है कि कम समय में ले-आउट हेतु आवेदन और उस पर अनुमोदन करने हेतु आयुक्त के तबादले से पहले स्वीकृति दिलाने का दबाव है | कहा जा रहा है की जमीन पर सत्ताधारी दल की नज़र टिकी हैं |

आखिरकार रिटायर्ड IAS अधिकारी इ.ए.एस. शर्मा ने मुख्य सचिव जवाहर रेड्डी को पत्र लिखकर बाविकोंडा बौद्ध स्थल के प्रतिबंधित क्षेत्र में ले-आउट की अनुमति की जांच कराने के मांग की हैं |