बाबा साहब की सख्शियत को किसी सीमित दायरे में नहीं बॉंधा जा सकता — राकेश नारायण

बी.आर.कुर्रें -खरसिया (13 अप्रैल 2023 )


14 अप्रैल, संविधान निर्माता, भारत रत्न, बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पूरे विश्व में उत्साहपूर्वक मनाई जाती है। बाबा साहब की 132 वीं जयंती के अवसर पर सामाजिक चिंतक, युवा लेखक एवं वक्ता राकेश नारायण बंजारे से कुछ सार्थक चर्चा की गई |

▪️ 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती है, इस पर आप क्या विचार रखते हैं?
▪️▪️ हम सब देशवासियों के लिए यह बहुत खुशी की बात है कि प्रतिवर्ष बाबा साहब की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है एवं उनके विचारों का स्मरण करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया जाता है।
▪️ उनकी सख्सियत के बारे में कुछ बताइए?
▪️▪️ बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की सख्शियत को कुछ शब्दों में या किसी खास दायरे में नहीं बॉंधा जा सकता, सही मायने में वे महामानव थे जिनके कार्यों में विषयों की विविधता और उपलब्धियों की लंबी फेरहिस्त रही है।
▪️ उनकी कुछ उपलब्धियों पर संक्षिप्त बात रखना चाहेंगे?
▪️▪️ जी! जैसा कि हम सभी अवगत हैं, वे भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, महान् मानवतावादी और सामाजिक न्याय के मुखर वक्ता रहें हैं। वे भारतीय संविधान के शिल्पी, भारत गणराज्य के निर्माता, मानवीय अधिकारों के सबसे बड़े पैरोकार, समाज में उपेक्षित पड़े हुए अधिसंख्य लोगों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले महामानव थे। भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों, उपेक्षित समाज, महिलाओं, वंचितों सहित सभी के अधिकार सुरक्षित रखने वाले, भारतीय महिलाओं के मुक्तिदाता, मनुष्य के पानी पीने के अधिकार के लिए आंदोलन करने वाले विश्व के प्रथम व्यक्ति रहे हैं।
▪️ बाबा साहब की अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों पर कुछ प्रकाश डालिए।
▪️▪️ बाबा साहब डॉ. अंबेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डबल डाक्टरेट करने वाले एशिया के प्रथम व्यक्ति रहे हैं उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी व द लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से पीएचडी की उपाधि प्राप्त किए। गौरतलब है कि वे तात्कालिन समय के सर्वाधिक डिग्रीधारी व्यक्ति रहे हैं जिनके नाम बत्तीस डिग्रियॉं दर्ज रहीं हैं। वे अपने समय के विश्व के सर्वोच्च छह विद्वानों में गिने जाते हैं।
▪️ उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहीं हैं?
▪️▪️ जी हॉं, यदि हम केवल उनकी उपलब्धियों की ही चर्चा करें तो भी सुबह से शाम और शाम से रात तथा पुन: सुबह हो जाएगी। एमए, एमएससी, डीएससी एलएलडी, डी-लिट, बार-एट-ला, पीएचडी डिग्री सहित विविध विषयों के जानकार रहे हैं। वे एकमात्र भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है। दुनिया भर में स्थापित उनकी प्रतिमा, उन पर किताबें, रिसर्च, अनुयायियों की संख्या करोड़ो में है।
▪️ कुछ सर्वे द्वारा भी बाबा साहब की उपलब्धियां सामने आईं हैं? उन पर प्रकाश डालिएगा।
▪️▪️ जी हॉं, द मेकर्स ऑफ द यूनिवर्स सर्वे के अनुसार पिछले दस हजार सालों में विश्व के प्रमुख 100 व्यक्तियों में चौथे स्थान पर (आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय) रहे हैं। द ग्रेटेस्ट इंडियन (2012) आईबीसीएन 24 चैनल द्वारा किए गए सर्वे में भारत के सबसे बड़े महान नेता के रूप में उनका नाम सामने आया। कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारत की प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले, विश्व के 100 प्रमुख बुद्धिजीवियों में प्रथम स्थान पर रहे हैं (कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा 2004 में बनाई गई प्रमुख बुद्धिजीवियों की सूची)।
▪️ बौद्ध धर्म पर बाबा साहब के योगदानों को बताइएगा?
▪️▪️ समता, स्वतंत्रता और भातृभाव पर आधारित बौद्ध धर्म भारत का प्राचीन धर्म है। बाबा साहब ने बौद्ध धर्म को भारत में पुनरुद्धार करने का कार्य किया। बाबा साहब बौद्ध धर्म के भारत में सर्वाधिक पवित्र ग्रंथ “बुद्ध एवं उनका धम्म” के लेखक हैं। साथ ही वे पुस्तकों के लिए घर (पचास हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रह ‘राजगृह’) बनवाने वाले प्रथम व्यक्ति थे। 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षित हुए।
▪️ आप अंबेडकर जयंती कैसे मनाते हैं?
▪️▪️बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं उनके विचारों पर चलने एवं प्रचार-प्रसार का संकल्प लेते हैं।
▪️ आपके अनुसार जयंती कैसे मनाई जानी चाहिए?
▪️▪️ बैरिस्टर, प्राध्यापक, महान चिंतक, अर्थशास्त्री, लेखक, बोधिसत्व बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर की जयंती पर विचार प्रसार का सर्वाधिक आयोजन होना चाहिए।