भगवान शिव के निर्मल मन जन को ही भागवत की प्राप्ति होती है एवं भगवान कण-कण में विद्यमान है – कथा व्यास पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी

कैलाश गर्ग – सकती (26 मार्च 2023 )

अधर्म के विनाश के लिए भगवान लेते हैं, अवतार ग्रस्त जीवन में जीना सीखें | भगवान शिव के निर्मल मन जन को ही भागवत की प्राप्ति होती है ,एवं भगवान कण-कण में विद्यमान है | कथा व्यास पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी द्वारा हरिराम सुल्तानिया कन्या विवाह ग्रह पर पित्र मोक्ष के और अवसर पर भागवत करते हुए कहा |
कथा व्यास पूज्य श्री अतुल कृष्ण महाराज जी ने श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान चतुर्थ दिन ज्ञान की महिमा के बारे में श्रद्धालुओं को बताया कि मनुष्य का ग्रस्त जीवन जीने के लिए भगवान शिव की आदर्शों पर चलना चाहिए | भगवान शिव के विवाह पर सिंगार से समाज को बताना चाहते हैं कि मेरे सिर पर नाग विराजमान है | जिसका तात्पर्य यह है कि संसार के समस्त प्राणियों के सिर पर कॉल रूपी नाग बैठा है | जो प्रत्येक दिन उसकी आयु को खा लेता है | भगवान शेर की खाल धारण कर यह बताना चाह रहे ,हैं कि मनुष्य को गृहस्थ जीवन संयमित युवा सीए की तरह जीना चाहिए | क्योंकि शेर अपने जीवन में एक नारी व्रत धारी है | लोगों ने कहा है कि विवाद में दूल्हा घोड़े पर बैठता है, परंतु भगवान शिव नंदी पर बैठे हैं | जिसका तब तक तात्पर्य है कि नंदी धर्म का प्रतीक है और घोड़ा काम का प्रतीक है | भगवान शिव पूरे शरीर पर चिता की राख लपेटे हैं जिसका तात्पर्य यह है कि दुनिया के सभी प्राणियों को एक दिन चिंता में जाना है | पूज्य भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का सुंदर वर्णन वर्णन करते हुए कहा कि जब जब धरती पर अधर्म का बोलबाला होता है तब तक भगवान किसी न किसी रूप से धरती पर अवतरित होकर असुरों का नाश करते हैं जिससे अधर्म पर धर्म की विजय होती है भगवान को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को फ्रीज में बने फ्रीजर की तरह होना चाहिए अर्थात काम क्रोध और लालच एवं को त्याग कर भक्ति एवं सच्चे मन की साधना से प्राप्त कर सकते हैं | निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा त्रेता युग में जब असुरों को शक्ति बढ़ने लगी धरना प्रायर लुप्त हो रहा था तब मां कौशल्या की कोख से भगवान श्री राम ने जन्म लिया द्वापर में मां देवकी की कोख से भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया पूज्य व्यास जी ने कहा कि भगवान कण-कण में विराजमान है सर्वत्र विद्यमान हैं प्रेम से पुकारने पर कहीं भी प्रकट हो सकते हैं भगवान तो निर्मल मन एवं भक्ति देखते हुए इसलिए कहा गया है कि हरि व्यापक सर्वत्र समाना प्रेम से प्रेम से प्रकट हो ही जाए जाना भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर कथा व्यास ने सुंदर भजन नंदलाला प्रगट भाइयों आज बृज में लडुआ बढ़त है कौन पुणे देवकी ने किन हो की गोद में झूले नंदलाला ब्रिज में लडुआ बटत है| उक्त भजन को सुनकर भवन में उपस्थित हजारों श्रोता झूम उठे भवन का दृश्य ऐसा दिख रहा था जैसे साक्षात भगवान प्रकट हुए हैं कथा व्यास ने धर्म और संप्रदाय में अंतर समझाते हुए बताया कि धर्म व्यक्ति को अंदर से गुप्ता का भाव पैदा करता है वही संप्रदाय व्यक्ति को बाहर रूप से एक बनाता है धर्म और संप्रदाय की व्याख्या करते हुए कथा व्यास ने कहा कि एक पुस्तक एक पूजा स्थल और एक पैगंबर एक पूजा पद्धति मनुष्य के सीमित संकुचित बनाती है जबकि ईश्वर को विभिन्न रूपों से में विभिन्न माध्यमों में स्मरण करना दर्शन करना मात्र सनातन धर्म सिखाता है आज मेरे देश की संस्कृति सभ्यता खान-पान इत्यादि पर पाश्चात्य संस्कृति का असर दिखाई पड़ रहा है कथा व्यास ने माता और बहनों से आग्रह किया है कि गर्भवती माल माताओं का चिंतन मनन खानपान पठन-पाठन रहन-सहन होने वाले बच्चे अत्यंत प्रभाव डालते हैं इसलिए गर्भावस्था के समय माताओं को भगवत भजन का स्मरण करने के साथ-साथ एक भोजन एवं आध्यात्मिक चिंतन मनन करना चाहिए |
कथा व्यास पर अतुल कृष्ण भारद्वाज ने आज सारे भागवत सुनने वालों का मन जीत लिया भारी संख्या में लोग कथा सुनने के लिए आ रहे हैं जिसके लिए सुल्तानिया परिवार को धन्यवाद दे रहे हैं