गूगल पर दिखेगी छत्तीसगढ़ी भाषा …

रायपुर: 19 मार्च 2023

भारत देश में दंडकारण्य अर्थात छत्तीसगढ़ राज्य का एक अपना पहचान है | इतिहास के अनुसार ब्रिटिश शासन काल में छत्तीसगढ़ को दंडकारण्य के नाम से ही जाना जाता था | जिसे आज हम छत्तीसगढ़ के नाम से जानते हैं | परन्तु छत्तीसगढ़ी भाषा विलुप्त होती नज़र आ रही है | इसलिए छत्तीसगढ़ की परंपरा को बचाने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है | जिसमें छत्तीसगढ़ी भाषा का डिजिटल पद्धति द्वारा विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी | अर्थात बहुत जल्द ही अब गूगल में छत्तीसगढ़ी भाषा भी देखने को मिलेगी | छत्तीसगढ़ी भाषा को ग्लोबल स्टेज मिलना छत्तीसगढ़ के लिए किसी गौरव से कम नहीं | क्योंकि आज छत्तीसगढ़ की भाषा को अन्य राज्य के लोग जानते ही नहीं है | और इस वजह से इस भाषा को पिछड़ा हुवा भी मानते हैं |

सन 2000 में राज्य के गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ और यहाँ की भाषा को एक अलग पहचान मिली | अब समय है जब इस भाषा को सार्वभौमिक स्तर पर भी सम्मान मिलने जा रहा है | इस कार्य हेतु केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान मैसूर और भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू की टीम एक साथ मिलकर डाटा इकठ्ठा कर रही है |

चूँकि छत्तीसगढ़ी भाषा में भी अलग अलग स्थानों में बदलाव पाया जाता है ,इसलिए मैसूर और बेंगलुरू दोनों टीम के द्वारा अलग अलग वाईस ओवर रिकॉर्ड किया जा रहा है | ताकि गूगल छत्तीसगढ़ी भाषा के किसी भी शब्द के अलग अलग बोली को भी आसानी से ढूढ़ सके | इस परियोजना का पूरा काम भारतीय विज्ञन संस्थान ,बेंगलुरू के प्रोफेसर प्रशांत घोष के नेतृत्व में हो रहा है |