महापौर पूजा विधानी पर जाति प्रमाण पत्र और चुनावी खर्च को लेकर बड़ा विवाद, अदालत ने भेजा नोटिस…

बिलासपुर: 19 अप्रैल 2025 (डेस्क)

बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम की महापौर एल. पद्मजा उर्फ पूजा विधानी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई हैं। उनके जाति प्रमाण पत्र की वैधता और चुनावी खर्च की सीमा का उल्लंघन करने के आरोपों को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक द्वारा दायर याचिका पर जिला अदालत ने संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में पूजा विधानी के साथ-साथ कलेक्टर अवनीश शरण, चुनाव ऑब्जर्वर विनीत नंदनवार, अपर कलेक्टर व रिटर्निंग ऑफिसर आर.ए. कुरुवंशी, निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह और अन्य छह महापौर प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

प्रमोद नायक ने याचिका में आरोप लगाया है कि पूजा विधानी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और तय 25 लाख रुपये की खर्च सीमा से कहीं अधिक धनराशि खर्च की। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान नियमों की अनदेखी की गई और संबंधित अधिकारियों ने समय पर आपत्तियों पर कार्रवाई नहीं की, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।

याचिका में की गई प्रमुख मांगें:

महापौर पूजा विधानी का निर्वाचन रद्द किया जाए, चुनाव प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो, याचिकाकर्ता के कानूनी खर्च की प्रतिपूर्ति की जाए

गौरतलब है कि इस मामले से पहले भी महापौर का जाति प्रमाण पत्र विवादों में आ चुका है। बसपा प्रत्याशी द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जाति प्रमाण पत्र की वैधता की जांच छानबीन समिति के अधिकार क्षेत्र में आती है और चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता।

रिटर्निंग ऑफिसर आर.ए. कुरुवंशी ने भी स्पष्ट किया है कि पूजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र वैध है और इस संबंध में जांच समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आरोपों को सिरे से नकारा है।

इस पूरे प्रकरण ने शहर की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है और आने वाले दिनों में इस पर सियासी हलचल और तेज होने की संभावना है।

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