रायपुर : 8 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ के आईपीएस अधिकारी रजनेश सिंह को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ चल रही विभागीय जांच को समाप्त करने का फैसला लिया है। यह फैसला एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा कोर्ट में पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें उन पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया गया है।
क्या था मामला?
साल 2019 में, कांग्रेस सरकार के समय नान घोटाले की जांच के दौरान आईपीएस रजनेश सिंह और तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता पर आरोप लगे थे कि उन्होंने बिना अनुमति फोन टेपिंग की और जांच से जुड़े दस्तावेजों में हेराफेरी की।
इसके बाद दोनों अधिकारियों को निलंबित किया गया और गैर-जमानती धाराओं में केस दर्ज हुआ।
क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा गया?
- फोन इंटरसेप्शन पूरी तरह कानूनी और प्रक्रिया के तहत हुआ था।
- आरोप बिल्कुल निराधार पाए गए।
- रिपोर्ट में मामला बंद करने की सिफारिश की गई।
कैट और केंद्र की भूमिका
दोनों अधिकारियों ने अपने निलंबन के खिलाफ कैट (Central Administrative Tribunal) में अपील की थी।
- कैट ने रजनेश सिंह के निलंबन को अवैध ठहराते हुए उन्हें बहाल करने का आदेश दिया।
- वहीं मुकेश गुप्ता का निलंबन केंद्र के निर्देश पर सितंबर 2022 में समाप्त हुआ और वे 30 सितंबर को रिटायर हो गए।
अब क्या हुआ?
अब राज्य सरकार ने भी आईपीएस रजनेश सिंह के खिलाफ विभागीय जांच को समाप्त कर दिया है। यानी वह अब पूरी तरह क्लीन चिट के साथ सेवा में बहाल रहेंगे।
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