मुंबई: 04 अप्रैल 2025
हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का मुंबई में निधन हो गया है। 87 वर्षीय दिग्गज अभिनेता ने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। देशभक्ति पर आधारित फिल्मों के लिए प्रसिद्ध मनोज कुमार को उनके प्रशंसक प्यार से ‘भरत कुमार’ के नाम से जानते थे। मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। उनका जन्म 1937 में वर्तमान पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में हुआ था। भारत विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया। दिलीप कुमार से प्रेरित होकर उन्होंने अपना फिल्मी नाम ‘मनोज कुमार’ रखा।
1957 में फिल्म ‘फैशन’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले मनोज कुमार को 1965 की फिल्म ‘शहीद’ से असली पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, और ‘क्रांति’ जैसी यादगार फिल्मों में अभिनय और निर्देशन किया।
उनकी फिल्मों में देशभक्ति का जुनून साफ झलकता था। ‘मेरे देश की धरती’, ‘है प्रीत जहां की रीत सदा’, और ‘भारत का रहने वाला हूं’ जैसे गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। मनोज कुमार को कई पुरस्कारों से नवाजा गया। 1992 में उन्हें पद्म श्री, और 2016 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘उपकार’ फिल्म के लिए उन्हें 1968 में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
उनकी अंतिम फिल्म ‘मैदान-ए-जंग’ थी, जो 1995 में रिलीज हुई थी। अभिनय के साथ-साथ उनके निर्देशन की शैली और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कहानियों ने उन्हें एक विचारशील फिल्मकार के रूप में स्थापित किया। मनोज कुमार के निधन से भारतीय सिनेमा ने एक युग को खो दिया है। वे हमेशा भारतीय फिल्म जगत में देशभक्ति के प्रतीक के रूप में याद किए जाएंगे।
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