रायपुर : 08 नवम्बर 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
आज के व्यस्त दिनचर्या में हम अपने देखभाल नहीं कर पाते हैं | जिसके कारण फंगल संक्रमण का सामना करना पड़ता है | तो आइये जाने : क्या क्यों और कैसे ?
त्वचा का फंगल संक्रमण क्या होता है:
त्वचा का फंगल संक्रमण, यानी कि त्वचा का फंगल रोग, एक ऐसा संक्रमण है जो हमारी त्वचा पर कभी भी हो सकता है। ये संक्रमण मुख्य रूप से फंगस की वजह से होते हैं, जो नमी और गर्म स्थानों पर तेजी से बढ़ते हैं। सामान्य त्वचा फंगल संक्रमण में रिंगवर्म (दाद), एथलीट्स फुट, जॉक इच और कैंडिडायसिस शामिल होते हैं।
फंगल संक्रमण के लक्षण: फंगल संक्रमण के लक्षण मुख्य रूप से इस पर निर्भर करते हैं कि यह कहां पर है और कौन से प्रकार का फंगस है। यहाँ कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:
- दाद या लाल चकत्ते: त्वचा पर गोलाकार लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं, जो धीरे-धीरे फैलते हैं।
- खुजली और जलन: संक्रमण वाले हिस्से में खुजली और जलन होती है।
- त्वचा का चिपकना: कुछ मामलों में त्वचा पर चिपचिपा डिस्चार्ज भी हो सकता है, खासकर अगर वो नमी वाला क्षेत्र है।
- स्केलिंग और दरारें: त्वचा शुष्क और दरारों से भर जाती है, जो कभी-कभी दर्द का कारण बनती है।
फंगल संक्रमण के प्रकार:
- रिंगवर्म (दाद): यह एक गोल और लाल चकत्ता होता है जो हल्की खुजली करता है। यह आमतौर पर बांहों, पैरों या सिर पर होता है।
- एथलीट्स फुट: यह फंगल संक्रमण पैरों में होता है, विशेषकर उंगलियों के बीच में। यह खुजली और जलन का कारण बनता है।
- जॉक इच: यह ग्रोइन क्षेत्र में होता है और ज्यादातर पुरुषों में आम है।
- कैंडिडायसिस: यह एक प्रकार का यीस्ट संक्रमण है जो त्वचा के फोल्ड्स या नमी वाले क्षेत्रों जैसे कि मुँह या जननांगों में होता है।
फंगल संक्रमण कैसे होता है:
फंगल संक्रमण अधिकतर नमी और गीले स्थानों पर होता है। कुछ सामान्य कारण हैं:
- नमी और पसीना: गर्मी और पसीना फंगस की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
- स्वच्छता की कमी: खराब स्वच्छता या गीले कपड़े पहनने से संक्रमण फैल सकता है।
- प्रतिरक्षा तंत्र की कमजोरी: अगर इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो फंगल संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
- संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: किसी संक्रमित व्यक्ति या उनके कपड़ों से संपर्क में आने पर भी यह संक्रमण हो सकता है।
फंगल संक्रमण का इलाज:
- एंटीफंगल क्रीम और पाउडर: क्लोट्रिमाज़ोल या टेर्बिनाफाइन जैसी क्रीम संक्रमण का इलाज करने में मदद करती हैं।
- ओरल मेडिकेशन्स: गंभीर मामलों में डॉक्टर ओरल एंटीफंगल मेडिकेशन जैसे फ्लुकोनाज़ोल या इट्राकोनाज़ोल लिखते हैं।
- स्वच्छता बनाए रखना: नियमित स्नान करें और संक्रमित क्षेत्र को साफ व सूखा रखें।
- ढीले और सांस लेने वाले कपड़े पहनना: ये पसीने को नियंत्रित करने और नमी से बचने में सहायक हैं।
बचाव के उपाय:
- हमेशा त्वचा को साफ और सूखा रखें।
- सार्वजनिक पूल और जिम के बाद नहाएं और पैरों को अच्छी तरह सुखाएं।
- सिंथेटिक कपड़ों की बजाय सूती और सांस लेने वाले कपड़े पहनें।
- किसी और का तौलिया, कंघी या जूते साझा न करें।
त्वचा के फंगल संक्रमण कष्टकारी हो सकते हैं, लेकिन सही समय पर ध्यान देने से आसानी से ठीक हो जाते हैं। अच्छी स्वच्छता और सही सावधानियों से हम इन संक्रमणों से बच सकते हैं। अगर आपको कोई भी त्वचा संक्रमण के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर है ताकि वे सही उपचार लिख सकें।