हरी सब्जियों से बन रही गुलाल , कलेक्टर ने भी खरीदा |

कोंडागांव : 02 मार्च 2023 (मनोज शर्मा )

अभी तक हरी सब्जियों का इस्तेमाल सिर्फ खाने में इस्तेमाल किया जाता रहा है | परन्तु यह जानकर आप हैरान हो सकते हैं, कि हरी सब्जी से अब गुलाल भी बनकर तैयार हो चूका है | जो चेहरे और त्वचा के फायदेमंद साबित हो सकता है | पिछले तीन वर्षो से छत्तीसगढ़ की आदिवासी अंचल ग्राम – आलोर की आदिवासी महिलाएं सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रहीं हैं | जिसमे पलाश (टेसुं के फूल ) लाल भाजी से लाल रंग का गुलाल , पालक से हरा रंग का गुलाल , गाजर से गुलाबी रंग गुलाल और गेंदे के फूल से पीले रंग का गुलाल बना रही हैं |  ग्राम आलोर की मां शितला स्व. सहायता समूह की आदिवासी महिलायें इस समूह की महिलाए मात्र गुलाल का ही व्यवसाय करती है । बाकी समय घर का कार्य और कृषि कार्य करती है ।

 
समूह की महिलाएं सुशीला, सुमित्रा, शियाबती, हेमबती, संगीता, विमला ने बताया कि पहले लाल भाजी को उबालते है । फिर उसके कलर में अरारोट को मिलाते है , फिर उसे सुखते है । फिर पाउडर तैयार कर छन्नी से छान लेते है । ऐसा ही पालक गाजर और प्लास के फुलों के साथ  होता है । ये विधि हमने कृषि विधान केन्द्र कोंडागांव से सीखें हैं ।
  इन महिलाओं ने अपना विक्रय स्टॉल कलेक्टर कार्यालय के अंदर  लगाया है। और आधा किलो का पैकट 100 रूपए और 1 पाव का पचास रूपए की दर से विक्रय कर रही है । जिसे बाहर से आने वाले आंगतुक इसे खरीद कर ले जा रहे है । वर्ष 2020 में 40 हजार का तो 2022 में 38 हजार का गुलाल बेचा था | इस विक्रय स्टॉल पर स्वयं कलेक्टर भी गुलाल ख़रीदा | समूह की महिलाओं का कहना था, कि हम मात्र सब्जियों से गुलाल बनाती है । और इसके अलावा कोई कार्य नहीं करती अब इसे लघु उ़द्योग बना कर साल भर गुलाल बनाने का प्रयास करेगी | जिससे हमारा ये गुलाल स्थानीय स्तर ही नहीं पुरे प्रदेश में बिक्री हेतु उपलब्ध हो सके ।