रायपुर : 14 अक्टूबर 2024 ( स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
दिवाली के पहले ही शहर के अधिकतर वार्डों की गलियों में अंधेरा छाने लगा है। 300 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट बंद या खराब है। स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी के कर्मचारी पहले ही फील्ड से बाहर हैं, क्योंकि उन्हें कई महीनों से सैलरी ही नहीं मिली है।
निगम की एमआईसी ने फैसला लिया था कि कंपनी का अनुबंध खत्म कर लाइट मेंटेनेंस करने का काम खुद करेंगे। लेकिन यह काम कब और कैसे शुरू होगा ये निगम अफसरों को ही पता नहीं। इसका नतीजा ये है कि वार्डों में अंधेरा बढ़ता ही जा रहा है। शहर से ज्यादा बुरा हाल आउटर का है। वहां की कॉलोनियों में एक बार स्ट्रीट लाइट बंद होने के बाद हफ्तों दोबारा चालू नहीं होती है। विधायक-कलेक्टर की नाराजगी के बाद ही निगम कर्मचारी उसे ठीक करने पहुंचते हैं।
लोगों में इस बात की भी जबरदस्त नाराजगी है कि पहले गणेश चतुर्थी फिर नवरात्रि का त्योहार बीत गया, लेकिन वार्डों से अंधेरा दूर नहीं हुआ। ऐसे में आने वाले दिनों में दिवाली मनाई जाएगी। इससे पहले निगम अफसरों को फील्ड में उतरकर इस काम को पूरा करना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले महीने ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर समेत प्रदेश की बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट्स पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि तत्काल सभी जगहों की लाइट्स सुधारी जाएं। भास्कर ने स्ट्रीट लाइट्स की बदहाली की पड़ताल की तो पता चला कि प्रदेशभर में 3.72 लाख स्ट्रीट लाइट लगी को संभालने का जिम्मा केवल 400 कर्मचारियों के पास है। इस वजह से मेंटेनेंस का काम लगभग बंद हो गया है।
एक्सप्रेस-वे पर अंधेरा होने की वजह से गाड़ी चलाने वाले सबसे ज्यादा हो रहे परेशान
रेलवे स्टेशन से नवा रायपुर के बीच करीब 11 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे पर रात में चलना मुश्किल हो गया है। क्योंकि एक्सप्रेस-वे की स्ट्रीट लाइट लगातार बंद रहती है। फुंडहर के आगे की स्ट्रीट लाइट कई दिनों खराब है। पीडब्ल्यूडी वाले इसे ठीक ही नहीं करवा पा रहे है। इतना ही नहीं तेलीबांधा से टेमरी चौक के आगे अंतिम छोर तक स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से बंद है।
इस वजह से एक्सप्रेस-वे पर अंधेरा छाया रहता है। एक्सप्रेस-वे के किनारे अमलीडीह के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि स्ट्रीट लाइट अक्सर बंद रहती है। एक्सप्रेस वे में अधिकतर समय तेज रफ्तार से गाड़ियां दौड़ती हैं। ऐसे में अंधेरा होने का वजह से हादसों की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
ठेका लेने वाली कंपनी ईईएसएल पर दबाव नहीं
रायपुर समेत राज्यभर में स्ट्रीट लाइट की मेंटेनेंस के काम की जिम्मेदारी ईईएसएल का है। नगरीय निकाय विभाग ने इस एजेंसी के साथ सात साल का अनुबंध किया है। कंपनी को जितने कर्मचारी रखने चाहिए थे उतने कभी नहीं रखे गए। स्ट्रीट लाइट के खराब होते ही ईईएसएल को तुरंत जानकारी मिलती है। क्योंकि कंपनी ने स्विच और लाइट की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) लगाया है। एक स्विच में करीब 50-60 लाइटें जुड़ी है। यही वजह है कि एक में भी खराबी आने के बाद एक साथ 50 से 60 स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती है। कर्मचारियों की कमी की वजह से कंपनी शिकायतों को दूर करने के लिए हफ्तों लगा रही है। निगम कर्मचारी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि मेंटेनेंस का काम उनका नहीं कंपनी का है।
48 घंटे में सुधारना है खराबी कर्मचारी 6 दिन तक लगा रहे
ईईएसएल कंपनी ने पैसा बचाने के लिए कर्मचारियों की पूरे प्रदेश में संख्या सीमित ही रखी है। रायपुर में 56 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। लेकिन इसके मेंटेनेंस के लिए 40 कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगी है। एक बार स्ट्रीट लाइट के खराब होने के बाद कर्मचारी उसे सुधारने में चार से छह दिन तक लगा देते हैं।
नियमानुसार लाइट 48 घंटे के भीतर ही सुधारना होता है। लेकिन इसकी मॉनिटरिंग निगम वाले करते ही नहीं है। इस वजह से शहर में बंद स्ट्रीट लाइट की संख्या बढ़ते ही जा रही है। एग्रीमेंट के अनुसार 95% लाइट हर हाल में चालू रहना चाहिए। लेकिन इस तरह की स्थिति बन ही नहीं रही है। हमेशा 20 फीसदी से ज्यादा एक समय में बंद रह रही है।
समाधान- मेंटेनेंस का काम हो रहा
स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस का काम लगातार हो रहा है। कोशिश की जाती है कि कहीं भी अंधेरा न हो। अभी कंपनी और निगम स्टाफ मिलकर इस काम को कर रहा है। त्योहार में लोगों को परेशानी नहीं होगी। कहीं काम नहीं हो रहा है तो निदान व टोल फ्री नंबर में शिकायत की जा सकती है।
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