रायपुर : 14 अक्टूबर 2024 ( स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले में सीबीआई ने छापेमारी शुरू कर दी है। 2021 में जिन 18 अभ्यर्थियों के चयन में धांधली का शक है, उन सभी के घर पर छापा मारकर जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों में 2 दिन तक तलाशी चली है। बताया जा रहा है कि 12 अक्टूबर को छापेमारी की गई थी।
अभ्यर्थियों के घर मिले 300 से ज्यादा किताबों और नोटबुक को पढ़ा गया। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों से हार्ड डिक्स और पैन ड्राइव जब्त की गई। अभ्यर्थियों और परिजन के बैंक खाते की जांच की जा रही है।
PSC सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, पिछली सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो की बेटी नेहा और बेटा निखिल, DIG ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस नेता के दामाद शशांक गोयल, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा से भी पूछताछ की है।
5 साल का कॉल डिटेल खंगाल रही CBI
CBI संदिग्ध अभ्यर्थियों और PSC के अधिकारियों का पिछले 5 साल का कॉल डिटेल और लोकेशन निकाल रही है। CBI की टीम प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस भी गई थी। वहां के मालिक और कर्मचारियों का बयान भी दर्ज किया गया है।
300 किताबों और नोटबुक को भी पढ़ा गया
CBI की टीम ने पहले PSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के घर की जांच की। उसके बाद टामन के भतीजे नीतेश, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी के घरों की तलाशी ली।
कांग्रेस नेता की बेटी से भी पूछताछ
इसके साथ ही कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम, मीनाक्षी गनवीर के घरों की जांच की गई। उम्मीदवारों से सीबीआई ने लंबी पूछताछ भी की है। सभी उम्मीदवारों को पूछताछ के लिए अब दफ्तर बुलाने की तैयारी है।
PSC दफ्तर से जब्त किए थे दस्तावेज
दो माह पहले सीबीआई ने नवा रायपुर स्थित पीएससी दफ्तर में भी छापेमारी की थी। वहां से दस्तावेज, कंप्यूटर समेत परीक्षा से संबंधित कुछ रिकाॅर्ड जब्त किए। दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। चयनित अभ्यर्थियों की ओएमआर सीट भी जांच के लिए ली गई है। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
इंटरव्यू बोर्ड में किस-किस की थी ड्यूटी, CBI कर रही जांच
CBI पड़ताल कर रही है कि किस अभ्यर्थी का इंटरव्यू किस बोर्ड में हुआ है। PSC ने इंटरव्यू के लिए तीन अलग-अलग बोर्ड बनाए थे। एक बोर्ड में तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह थे। उनके अलावा दो और बोर्ड था।
CBI देखे रही है कि किस बोर्ड से सबसे ज्यादा लोगों का चयन हुआ है। सदस्यों का चयनित अभ्यर्थियों या परिजन से कोई संबंध तो नहीं है। उनका 5 साल का गूगल लोकेशन से लेकर वाट्सएप चैट तक निकाला जाएगा।
ऐसे समझें पूरा विवाद
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है।
PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।
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