बिलासपुर : 12 अक्टूबर 2024 ( स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
छत्तीसगढ़ में बिलासपुर का नवरात्रि पर्व और विजयादशमी उत्सव पर्व का अपना अलग महत्व है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में नवरात्रि पर्व की धूम मची हुई है। रास गरबा से लेकर डांडिया और जगराता का उत्सव चल रहा है। शुक्रवार को महाष्टमी और नवमी तिथि पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
देर शाम से लेकर पूरी रात और सुबह पांच बजे तक दुर्गा पंडालों में आकर्षक लाइटिंग और झांकियों के साथ देवी मां की अलौकिक प्रतिमा देखने के लिए लोग पहुंचते रहे। झांकियों में भूत-प्रेत का संसार तो सेल्यूलर जेल का नजारा दिखा।
भक्तों को आशीर्वाद देती मां दुर्गा आकर्षण का केंद्र रहीं
वहीं, बद्रीनाथ धाम की झलक के साथ मां दुर्गा हवा में उड़ती हुई भक्तों को आशीर्वाद देती मां दुर्गा आकर्षण का केंद्र रहीं। शारदीय नवरात्र के साथ दुर्गोत्सव पर इस साल बिलासपुर में गजब का माहौल है। हर तरफ चौक-चौराहों पर पंडालों में स्थापति देवी की प्रतिमाएं लोगों को आकर्षित कर रही हैं।
अलग-अलग थीम पर पंडालों की सजावट
वहीं, अलग-अलग थीम पर पंडालों की सजावट किसी मंदिर से कम नहीं दिख रही है। मां दुर्गा के विभिन्न रूप, श्रृंगार और प्रतिमाएं मन मोह रही हैं। रेलवे परिक्षेत्र में बंगाल की तर्ज पर उत्सव, कंस्ट्रक्शन कॉलोनी में सेल्युलर जेल जहां बंगाल के कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं। समिति इस विशेष झांकी के लिए शुल्क ले रही है।
शिव टॉकिज चौक पर जंगल थीम में मां दुर्गा विराजमान
बंगाली स्कूल चौक में उड़िया कला प्रदर्शनी है। शिव टॉकिज चौक पर बड़े वृक्ष के साथ जंगल थीम में मां दुर्गा विराजमान हैं। जूना बिलासपुर, गोंडपारा, गोलबाजार और सदर बाजार में मां के अलग-अलग रूप, शृंगार और सजावट देखने लायक है।
तेलीपारा में शेरावाली मां का दिव्य स्वरूप सभी को मोहित कर रहा है। राजकिशोर नगर में बद्रीनाथ धाम और मध्यनगरी चौक और सीएमडी कॉलेज में मेले जैसा माहौल दिखा। मां के दर्शन के लिए भक्त देर रात तक सड़कों में दिखे।
सुबह पांच बजे तक पंडालों में रही रौनक
शहर के विभिन्न पंडालों में विशेष रूप से रंग-बिरंगी रोशनी और आकर्षक सजावट के साथ बनाए गए पंडालों ने पूरे शहर का माहौल धार्मिक और आनंदमय बना दिया है। मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं और मनमोहक सजावट हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रही है। शहर के साथ ही जिले भर से लोग दुर्गोत्सव का नजारा देखने पहुंचे।
तेलीपारा में वाहनों की कतार लगी
इस दौरान माता जगराता, रास गरबा में भीड़ जुटी रही। रात करीब एक बजे गोलबाजार में लोगों के खड़े होने का जगह नहीं था। वहीं, रात 2.30 बजे तक तेलीपारा में वाहनों की कतार लगी रही। लंबी कतारें लगाकर लोग मां के दर्शन करने के लिए जूझ रहे थे। हालांकि, भक्तों को इस दौरान कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
बावजूद इसके उत्साह में कमी नजर नहीं आई। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भारी भीड़ के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। विशेषकर गांधी चौक से सिम्स तक की लगभग दो किलोमीटर की दूरी पार करने में लोगों को दो से तीन घंटे तक का समय लग गया। सुबह पांच बजे तक दुर्गा पंडालों में लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।
महामाया देवी दर्शन के लिए रतनपुर में लगी कतार
रतनपुर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखा गया। सप्तमी की रात, बिलासपुर से बड़ी संख्या में पदयात्री माता के दर्शन के लिए पदयात्रा करते हुए मंदिर पहुंचे। वहीं, शुक्रवार को भी महाष्टमी और नवमी पर्व पर यहां भक्तों की भीड़ जुटी रही।
इस दौरान पूरा मंदिर परिसर देवी महामाया के जयकारों से गूंजता रहा। अष्टमी के दिन भी श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने के लिए पहुंचे, जिससे मंदिर में खासी भीड़ जुटी रही।
जगह-जगह कन्या पूजन और भोज
शहर में नवरात्रि के नौवें दिन, महानवमी का उल्लास पूरे जोर-शोर से मनाया गया। इस अवसर पर देवी मंदिरों, पंडालों और घरों में कन्या पूजन और हवन का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की। प्रमुख मंदिरों, जैसे देवी महामाया मंदिर और अन्य स्थानीय देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
महानवमी के दिन सुबह से ही भक्त मंदिरों में पहुंचने लगे और दिनभर माता रानी के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े रहे। देवी मां की पूजा के दौरान हवन का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने आहुति देकर अपने जीवन को मां के आशीर्वाद से संपन्न करने की कामना की।
भक्तों ने कन्याओं का पूजन किया
इस अवसर पर देवी की प्रतिमाओं को भव्य रूप से सजाया गया। विभिन्न स्थानों पर स्थापित पंडालों में भी भव्यता के साथ कन्या पूजन और हवन आयोजित किया गया, जिसके बाद भक्तों ने कन्याओं का पूजन किया। उन्हें उपहार और भोजन का प्रसाद अर्पित किया। शहर के घरों में भी लोगों ने कन्या पूजन कर मां दुर्गा के 9 रूपों का आह्वान किया और उनके आशीर्वाद की कामना की।
सिंदूर खेला रस्म के साथ देवी मां की होगी विदाई
रेलवे परिक्षेत्र के साथ ही बंगाली समाज दुर्गा समिति की महिलाएं शनिवार को रीति-रिवाज के साथ पारंपरिक तरीके से सिंदूर खेला करेंगी। दुर्गा विसर्जन से पहले बंगाली परंपरा के अनुसार सिंदूर खेला कर महिलाओं ने देवी मां को विदाई दी जाएगी।
दरअसल, सिंदूर खेला बंगाल की एक खास परंपरा और प्रथा है। विजयादशमी के दिन बंगाली महिलाएं मां दुर्गा को विदाई से पहले उनके साथ सिंदूर खेला करती हैं। कहा जाता है कि जिस तरह से बेटी की विदाई भावुक कर देने वाली होती है।
वैसे ही नवरात्र के दशमी तिथि को बंगाली समाज की महिलाएं मां को बेटी के रूप में सिंदूर लगाकर और मिठाई खिलाकर उन्हें विदा करती हैं। देवी मां को सिंदूर लगाने के बाद महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर अमर सुहाग की कामना करती हैं। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में संकट से उबारने और विपत्तियों का नाश करने के लिए कामना करती हैं।
मां महामाया का राजसी श्रृंगार
शनिवार की सुबह मां महामाया देवी का राजसी श्रृंगार किया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन द्वारा मां महामाया को सोने से हार, कुंडल, नथनी, मुकुट, छत्र समेत कई किलो आभूषण से विशेष श्रृंगार होगा। विशेष पूजन और आरती के बाद सुबह 10 बजे देवी मां को छप्पन प्रकार के नैवेद्य चढ़ाए जाएंगे। इसके बाद प्रसाद वितरण के साथ ही ज्वारा और ज्योति कलशों का विसर्जन किया जाएगा।
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