रायपुर : 12 अक्टूबर 2024 ( स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर दिलचस्प मसला सामने आया है। विधायकों के प्रति किलोमीटर वाहन भत्ते को दस रुपए बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। दूसरी ओर राज्य के कर्मचारियों को वर्तमान में हर महीने पेट्रोल एलाउंस 100 रुपए ही मिलता है। इसमें करीब दो दशकों से वृद्धि नहीं हुई है। संसदीय कार्य विभाग ने मंत्रालय से राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर विधानसभा के सदस्यों के वेतन, भत्ता तथा पेंशन अधिनियम 1972 में संशोधन किया है।
इसके तहत अब विधायकों को सत्र एवं समिति की बैठकों में स्वयं के नाम के पंजीकृत वाहन का उपयोग आने-जाने के लिए करने पर 10 की जगह 20 रुपए प्रति किमी भत्ता मिलेगा। पिछले दिनों विधानसभा में संशोधन अधिनियम को पारित किया गया था। सरकारी कर्मचारियों को 100 रुपए हर महीने 2003-04 से ही दिए जा रहे हैं।
20 सालों में इसमें बढ़ोतरी की मांग कई बार कर्मचारियों ने की है। उनका कहना है कि अब तो 100 रुपए एक लीटर पेट्रोल भी नहीं मिलता है। रायपुर से नवा रायपुर मंत्रालय एक दिन में टू-व्हीलर में आने-जाने में ही कम से कम 200 रुपए के पेट्रोल की खपत होती है। हालांकि सरकार ने कर्मचारियों को लाने -ले जाने के लिए 70-75 बसों का इंतजाम किया है। बस संचालकों को प्रति महीने प्रति कर्मचारी 2750 रुपए का भुगतान किया जाता है। मंत्रालय और संचालनालय में 4-5 हजार कर्मचारी रोजाना आना-जाना करते हैं। सैकड़ों कर्मचारी नवा रायपुर में शिफ्ट हो गए हैं।
उन्होंने अपने बस पास सरेंडर कर दिए हैं। बताया गया कि उनके बस बिल अब भी जनरेट होते हैं। कर्मचारी नेताओं का दावा है कि अगर सरकार हर कर्मचारी को दो हजार रुपए महीना पेट्रोल एलाउंस देने लगे तो हजारों कर्मचारी नवा रायपुर शिफ्ट हो जाएंगे। इससे प्रति कर्मचारी सरकार के लगभग 750 रुपए बचेंगे। साथ ही बसों की संख्या भी कम होने से सरकारी कोष बचेगा। सरकार तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को हर महीने पेट्रोल के 100-100 रुपए देती है।
सीएम शिफ्ट हो रहे तो कर्मचारी भी मन बना रहे
अब सीएम विष्णुदेव साय के नवा रायपुर में सीएम हाउस में शिफ्ट होने के बाद कई कर्मचारी भी वहां रहने का मन बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सीएम, मंत्रियों के शिफ्ट होने वहां सुविधाएं मिलने लगेगी। खासकर बच्चों के लिए स्कूल और इलाज के लिए अस्पताल की सुविधा मिलने लगेगी। अभी मंत्रालय में केवल डिस्पेंसरी जैसा अस्पताल है। वे भी रोज-रोज सवेरे जल्द उठकर देर शाम लौटने तथा 60-70 किमी का सफर कर करके थक गए हैं।
माननीयों को अन्य सुविधाएं
वेतन, भत्ते, पेंशन, निर्वाचन भत्ता, दैनिक भत्ता, दूरभाष भत्ता, अर्दली भत्ता, चिकित्सा भत्ता, दुर्घटना बीमा, रेल्वे कूपन, हवाई यात्रा, बस पास, आवास सुविधा, डाक व बैकिंग सुविधाएं, रेल्वे टिकट आरक्षण सुविधा, औषधालयों की सुविधा, जिम की सुविधा, वाहन खरीदने के लिए ऋण की सुविधा, होम लोन, विधायक विश्राम गृह के आवास में किचन सामग्री क्रय करने वाली राशि, चिकित्सा सुविधा, कुटुंब पेंशन रक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित अतिशेष वाहनों का क्रय।
कर्मचारियों को पेट्रोल भत्ता तो ज्यादा मिलना ही चाहिए, साथ ही फोन भत्ता व अन्य सुविधाएं भी मिलना चाहिए। अफसरों को 500 रुपए महीना मिलता है। इसकी भी जटील प्रक्रिया है। इस वजह से कई अफसर क्लेम ही नहीं करते हैं। वर्तमान में इलाज कितना महंगा हो गया है, लेकिन उन्हें 200 रुपए महीना मेडिकल भत्ता ही मिलता है।
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