रायपुर : 08 अक्टूबर 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )
कला और संस्कृति समाज की पहचान व धरोहर होते हैं तथा समाज की जीवन शैली निर्धारित करते हैं। इनका शिक्षा में समावेशित किया जाना , समाज को मजबूत और बेहतर बनानेमें महती भूमिका निभाते हैं। यदि बच्चे अपनी कला और संस्कृति के उद्भव और विकास को समझे तो उनका उनका आत्मसम्मान सुदृढ़ तथा नैतिक ज्ञान के विकास में सहायक होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) दिल्ली जो शिक्षा को संस्कृति से जोड़ने के क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख संस्थानों में से एक है, के द्वारा 5 दिवसीय रिफ्रेशर ओरिएण्टशन कार्यक्रम का आयोजन भारतीय संस्कृति मंत्रालय के सीसीआरटी क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान, द्वारका, नई दिल्ली में किया जा रहा है।
इस राष्ट्रीय स्तर कार्यक्रम में पूरे देश से ऐसे शिक्षकों का चयन किया गया है जो अपनी शाला में कला एवं संस्कृति को बढ़ावादेने के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं व शिक्षा को संस्कृति से जोड़कर विशेष पाठ योजना के साथ अध्यापन कराते हैं जिससे बच्चों की कला, संस्कृति में रूचि तो बढ़ती ही है साथ ही शिक्षण भी रूचिकर बनाते हैं।
ऐसे ही आठ शिक्षकों का चयन सी सी आर टी, नई दिल्ली द्वारा किया गया है। इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर प्रशिक्षण में चयनित व्याख्याता श्रीमती वंदना शर्मा ने बताया कि सीसीआरटी द्वारा छत्तीसगढ़ से कुल आठ शिक्षक, श्री ताराचंद जायसवाल, श्रीमती वंदना शर्मा, श्री दुष्यंत सोनी, श्रीमती गायत्री ठाकुर, श्री राम जी निषाद, कंचन लता यादव, एवं श्री राकेश निषाद का चयन हुआ है।ये सभी शिक्षक सत्र 2019 में अपना 21 दिवसीय ओरिएंटशन कार्यक्रम दिल्ली में पूर्ण कर चुके हैं तथा दिनांक 14 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक सीसीआरटी नई दिल्ली में चलने वाले प्रशिक्षण में यह सभी शिक्षक शामिल होंगे।
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