नगरनार प्लांट के निजीकरण की साजिश, टीएस सिंहदेव लगाया आरोप,कहा-बस्तर की जनता के साथ वादाखिलाफी…

रायपुर : 18 अगस्त 2024 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़ )

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बस्तर के नगरनार प्लांट के निजीकरण की साजिश का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो मैसेज जारी कर सिंहदेव ने कहा कि नगरनार प्लांट को एनएमडीसी की पैरेंट बॉडी से डि-लिंक कर दिया गया है। इससे नगरनार प्लांट का निजीकरण किया जा सकता है। यह बस्तर एवं छत्तीसगढ़ की जनता के साथ वादाखिलाफी है।

पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने जारी वीडियो में कहा कि नगरनार स्टील प्लांट को एनएमडीसी ने बनाया है। सेमी सेंट्रल गवर्नमेंट की स्कीम के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन अधिग्रहण कर स्टील प्लांट लगाने के लिए दिया। नगरनार प्लांट का पूर्व में निजीकरण का विरोध किया गया था। यह सीधे तौर पर बस्तर की जनता के साथ वादाखिलाफी है।

विधानसभा व लोकसभा चुनाव में बना था मुद्दा
नगरनार प्लांट के निजीकरण का मुद्दा 2023 के विधानसभा चुनाव में उठा उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में उठा तो छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओं के सहित केंद्र के भाजपा नेताओं ने भी अपनी आम सभा जो बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर सहित अन्य स्थानों पर की वहां बस्तरवासियों को और आदिवासियों को आश्वासन दिया था कि इसे बेचने की प्रक्रिया नहीं की जाएगी।

सेंट्रल कैबिनेट ने कभी भी इसे अपने उस प्रस्ताव को निरस्त नहीं किया, जिसके तहत इस प्लांट के निजीकरण का निर्णय लिया गया था।

बस्तर व छत्तीसगढ़ की जनता के साथ धोखा
वीडियो संदेश में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा है कि यह केंद्र सरकार का छत्तीसगढ़ की जनता और बस्तर के आदिवासी और बस्तर के निवासियों के साथ एक बड़ा धोखा है। 3 अक्टूबर 2023 को पीएम ने स्टील प्लांट का उद्घाटन किया और वादा किया कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के लोगों की संपत्ति है और उनके पास ही रहेगा। 19 अक्टूबर 2023 को अमित शाह ने पीएम के वादे को दोहराया कि एनएमडीसी के बस्तर स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में इस बात पर आम सहमति बन गई है कि स्टील प्लांट को नहीं बेचा जाना चाहिए। पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्लांट के निजीकरण पर आपत्ति जताई थी।

छत्तीसगढ़ सरकार भी चलाने थी तैयार
कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कई मौकों पर निजीकरण पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और 21 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री के साथ नीति आयोग की बैठक में राज्य सरकार को प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी लेने की पेशकश भी की थी।

क्यों हो रही है चर्चा
केंद्र सरकार ने नगरनार स्टील प्लांट को पैरेंट कंपनी एनएमडीसी से डि-मर्जर कर दिया गया है। इसकी प्रक्रिया 2020 में शुरू हुई थी, जिसका विरोध भी किया गया था। नगरनार स्टील प्लांट स्वतंत्र ईकाई के रूप में काम कर रहा है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण हो सकता है।

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