पैरों में बंधी बेड़ी के सा​​थ विक्षिप्त नदी में बह कर 20 किमी दूर पहुंची, पिता पर दर्ज हुआ मामला…

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सरिया इलाके में एक विक्षिप्त युवती घर से निकलकर महानदी में बह गई। उसके पैरों में बेड़ियां थीं। ओडिशा के परसदा महानदी घाट पर उसे मछुआरों ने बचाया। उसके घर का पता लगाकर उसे परिजन के पास पहुंचाया गया। मानसिक रूप से अस्वस्थ होने से पिता ने उसके पैरों में जंजीर डाली हुई थी। सारंगढ़- बिलाईगढ़ एसपी पुष्कर शर्मा ने बताया कि युवती की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पहले भी वह घर से बाहर, महानदी की ओर भी चली जाती थी। उसे किसी ने महानदी में धकेला ऐसा नहीं है। पैरों में बेड़ी बांधने को लेकर क्रूरता के आरोप में उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक पोरथ की सरोजनी चौहान ( 32) अपने पिता गजराज चौहान के साथ रहती है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण जब उसके पिता घर से किसी काम के लिए बाहर जाते तो वह घर से निकल कर कहीं भी चली जाती थी।

घूमते हुए वह महानदी की ओर भी चली जाती थी, उससे परेशान होकर पिता ने 10 जुलाई को उसके पैरों में बेड़ी बांध दी, ताकि बाहर न जा सके। 31 जुलाई को भी सरोजनी अपने घर में थी, पैरों में बेड़ी थी। देर रात 1 बजे वह घर का दरवाजा खोलकर घर से बाहर निकल गई। वह गांव के पास से ही बह रही महानदी घाट पहुंच गई और बह गई और बहते बहते गांव से करीब 20 किमी दूर ग्राम परसदा महानदी घाट थाना रेंगाली जिला झारसुगडा (ओडिशा) तक पहुंच गई।

वहां मछुआरों की नजर उस पर पड़ी तो उन्होंने बाहर निकाला। उसकी सांसें चल रही थीं। बाहर निकालने के बाद घटना की सूचना पड़ोस के थाना क्षेत्रों में दी गई। सरिया पुलिस भी मौके पर पहुंची और उसकी पहचान सरोजनी चौहान के रूप में हुई।

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