छत्तीसगढ़ में पड़ोसी ने की 20 लाख की ठगी,कहा- खाद्य विभाग में लगवा दूंगा नौकरी, मेरी अच्छी जान पहचान, थमा दिया फर्जी ऑफर लेटर…

भिलाई :

दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र में एक युवक ने अपने ही पड़ोसी से नौकरी लगाने के नाम पर 20 लाख रुपए की ठगी कर ली। खुद को पुलिस विभाग (CAF) में नौकरी करना बताकर वारदात को अंजाम दिया।

इसके साथ ही बड़े अधिकारियों से अच्छी जान पहचान का हवाला दिया। रिटायर्ड BSP अधिकारी से उनके बेटे की नौकरी खाद्य विभाग में लगाने का लालच देकर रुपए लिए। नेवई पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी से ठगी

नेवई पुलिस ने बताया कि सुयश पटेल (26 वर्ष) 187/जी रिसाली सेक्टर में रहता है। उसके पिता भिलाई स्टील प्लांट से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। सुयश कोरोना के बाद से नौकरी की तलाश कर रहा था। उसने कई लोगों से काम की तलाश करने की बात कही।

इसका फायदा उनके घर के पड़ोस में रहने वाले पवन कुमार ढिंडे ने उठा लिया। पवन ने खुद को पुलिस विभाग (सीएएफ) का अधिकारी बताया। उनके घर में कई साल से आना जाना था, इसलिए वो लोग उसका विश्वास भी करते थे।

खाद्य विभाग में अधिकारियों से मेरी अच्छी जान पहचान

पवन एक दिन सुयश के घर गया। वहां उसने बातचीत के दौरान कहा कि उसकी खाद्य विभाग में अधिकारियों से अच्छी जान पहचान है, यदि किसी की नौकरी लगाना होगा तो बताना। पवन के साथ एक सुनील पटेल नाम का व्यक्ति भी आया था।

पवन ने उसका परिचय अपने अधिकारी के रूप में कराया था। उसने बताया कि सुनील पटेल की विभाग के बड़े अधिकारियों और मंत्रालय में अच्छी पकड़ है। वो वहां किसी की भी नौकरी लगवा सकते हैं।

खाद्य विभाग में वैकेन्सी खाली है

इस पर सुयश के पिता ने उनसे अपने बेटे सुयश की नौकरी लगाने की बात कही। इस पर उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग में वैकेन्सी खाली है। यदि वो उसमें करना चाहते हैं तो वो करवा देंगे। इसके लिए 20 लाख रुपए लगेंगे।

सुयश के पिता उनकी डिमांड पर राजी हो गए। 13 मई 2023 को सुनील पटेल और पवन ढिंडे फिर उनके घर आये। इसके बाद उन्होंने सुयश के पिता से अलग-अलग किस्तों में 20 लाख रुपए ले लिए, लेकिन नौकरी नहीं लगवाई।

फर्जी ट्रेनिंग और ज्वाइनिंग लेटर भी भेजा

पवन और सुनील इतने शातिर थे कि उन्होंने खाद्य विभाग में ज्वाइनिंग और ट्रेनिंग का फर्जी लेटर भी बनवा डाला और सुयश को वॉट्सऐप भी किया। इसके बाद जब उन्होंने उस ज्वाइनिंग लेटर के बारे में पता किया तो उसे फर्जी बताया गया। इसके बाद वो लोग नेवई थाने पहुंचे। पुलिस ने उनकी शिकायत पर ठगी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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