आरटीई में हुआ खुलासा,कमजोर तबके के बच्चों को नहीं मिल रही शिक्षा, यूनिफार्म-किताब का भी पैसा, शिक्षा सचिव बोले- कलेक्टर व डीईओ होंगे जिम्मेदार, साल में दो बार जांच…

रायपुर :

निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रदेश में कमजोर तबके के बच्चों को शिक्षा दी जानी है। लेकिन शासन के संज्ञान में यह बात आई है कि कई स्कूल 25 फीसदी आरक्षित कोटे में आरटीई से प्रवेश नहीं दे रहे हैं। कई स्कूलों में प्रवेश के बाद बच्चों से किताब व यूनिफार्म के पैसे लिए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा होता है गड़बड़ी के लिए कलेक्टर खासकर डीईओ जिम्मेदार होंगे। अब प्रतिवर्ष कम से कम दो बार आरटीई चयनित विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन होगा।

स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि यह अधिनियम में उल्लेखित प्रावधान का उल्लंघन है। दोषी पाए जाने पर संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका में पारित निर्णय अनुसार अवमानना के दोषी होंगे। उन्होंने आरटीई अधिनियम का पालन करने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। प्रदेश में अप्रैल 2010 से प्रभावशील है।

प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को उनकी पहुंच सीमा में प्रवेश देना है। किन्तु यह संज्ञान में आ रहा है कि इन वर्गों के विद्यार्थियों को अधिनियम की मंशा के अनुरूप इस महत्वपूर्ण योजना का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। बालकों की कुल संख्या के कम से कम 25 प्रतिशत की सीमा तक प्रवेश, और निशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की, उसके पूरा होने तक व्यवस्था करने को कहा है।

अधिनियम के अधीन दण्डनीय अपराधों का अभियोजन संस्थित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्राधिकार की सीमा में ‘सक्षम प्राधिकारी‘ अधिसूचित किया गया है। सक्षम प्राधिकारी की हैसियत से अधिनियम का निचले स्तर पर पालन कराए जाने का सम्पूर्ण दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी का है। वर्ष 2018-19 से आरटीई पोर्टल बनाया गया है। इसमें ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित कर लॉटरी से विद्यार्थियों का चयन कर प्रवेश दिया जाता है।

शाला छोड़ने की वजह वसूली तो नहीं

इस वर्ष 2024-25 के लिए सभी गैरअनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्यों की बैठक 10 दिवस के भीतर बुलानी होगी। उसमें यह समीक्षा करनी होगी कि कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया। उनमें से कितने विद्यार्थियों ने उनके विद्यालय में उपलब्ध अंतिम कक्षा (कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं) तक की पढ़ाई पूर्ण की है। कितने बच्चें बीच में ही पढ़ाई छोड़कर ड्रॉप आउट हो गए हैं। कहीं ड्रॉप आउट होने का कारण विद्यालय की यूनिफॉर्म, पुस्तकें, असमानता का व्यवहार तो नहींं है?

मैपिंग से पोर्टल से प्रवेश: सक्षम प्राधिकारी प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश देने विद्यार्थियों की पहुंच सीमा की परिधि में संचालित शालाओं की मैपिंग करते हैं। सभी गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकृत होने चाहिए। प्राथमिक शाला की बसाहट के एक किलोमीटर के भीतर स्थित विद्यालयों को बसाहट सीमा के निर्धारण में शामिल किया जाता है। यह संभव है कि क्षेत्र विशेष में एक किलोमीटर के भीतर एक से अधिक अशासकीय, शासकीय या दोनों तरह के विद्यालय हों।

यह भी संभव है कि, अशासकीय विद्यालय के एक किलोमीटर के भीतर भौगोलिक रूप से कोई बसाहट न हो। इस स्थिति में ऐसे अशासकीय विद्यालय के लिये उपयुक्त बसाहट सीमा में क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्षेत्र का निर्धारण किया जाए।

शासन के संज्ञान में यह भी

  • आरटीई प्रवेशित कुछ छात्र बीच में ही पढ़ाई व विद्यालय का त्याग देते हैं।
  • उन विद्यार्थियों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित होता रहता है।
  • विद्यालय द्वारा उन विद्यार्थियों को ड्राप आउट मार्क किया जाना अनिवार्य है।
  • विद्यालयों द्वारा पोर्टल को अपडेट नहीं किया जाता।
  • विद्यालय में वास्तविक रूप से अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों का ही देयक पारित करने यह आवश्यक है।
  • प्रतिवर्ष कम से कम दो बार आरटीई चयनित विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन हो।

नवमी से 12वीं भी शामिल

यद्यपि कक्षा 9 वीं से 12वीं तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम से प्रवेशित छात्रों की कक्षा 8वीं के बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक निशुल्क शिक्षा प्रदाय करने का निर्णय लिया है। इसका शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है। इसके अंतर्गत प्रति छात्र 15 हजार रुपए एवं शिक्षण सामग्री के लिए एक हजार रुपए मिलता है।

ख़बरें और भी …हमसे जुड़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें |

https://whatsapp.com/channel/0029VaSGTZ1Lo4hYCjY45G2q