एक हफ्ते में तापमान 40 डिग्री से नीचे,मौसम मेहरबान हुआ तो घटी बिजली की खपत, इस माह बचेंगे 300 से 1200 रुपए…

रायपुर :

राजधानी में पिछले एक हफ्ते से तापमान 40 डिग्री से नीचे चल रहा है। गर्मी कम पड़ने के कारण बिजली की खपत कम हो गई है। आमतौर पर एक परिवार में महीने में बिजली 300 से 400 यूनिट तक खपत होती है। मई में ये बढ़कर 600 तक पहुंच जाती है। अभी तापमान कम है इसलिए एसी, कूलर का उपयोग कम हो रहा है। ऐसे में इस साल मई के बिजली बिल में 300 से 1200 रुपए तक बचत हो सकती है।अप्रैल और मई को गर्मी का सबसे पीक डिमांड वाला महीना माना जाता है। इन दो महीने के बिजली बिल से लोगों का बजट गड़बड़ा जाता है।

हालांकि बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि इस साल भले ही पीक डिमांड हाई पर पहुंच गयी है, लेकिन मौसम में स्थिरता नहीं है। कुछ दिन गर्मी पड़ने के बाद बादल-बारिश की वजह से मौसम ठंडा हो रहा है इससे बिजली की डिमांड घट रही है। जैसे मई के शुरुआती छह दिनों में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 400 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। ठीक इन्हीं दिनों में तेज गर्मी भी पड़ी और दिन का तापमान 42-43 डिग्री तक पहुंचता रहा। मई के दूसरे सप्ताह से मौसम में बदलाव आया।

एक दो दिन बारिश हुई उसके बाद से अब तक लगातार बादल छाए हुए है। आसपास के इलाकों में हल्की बौछारे भी पड़ रही है। इस वजह से तापमान बढ़ नहीं रहा है और 40 डिग्री से नीचे ही चल रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले तीन-चार दिन यही स्थिति रहेगी। उसके बाद तापमान बढ़ेगा लेकिन गर्मी पिछले साल की तुलना में कम रहने की आसार है। यानी बिजली की खपत कम होगी।

नए कनेक्शन से हर साल 10% बढ़ती है खपत

​बिजली कंपनी के आंकड़ों के अनुसार बिजली की खपत हर साल करीब 10 प्रतिशत बढ़ने का ट्रेंड है। खपत में यह वृद्धि सामान्य है, क्योंकि एक साल के दौरान कई नए कनेक्शन लिए जाते हैं। इससे मांग बढ़ती है। गर्मी में खपत सीधे औसतन 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इस साल मई के पहले 16 दिनों की खपत में औसत के अनुसार वृद्धि नहीं हुई है। पिछले साल मई के 16 दिनों की औसत डिमांड(खपत)343.18 मेगावॉट पहुंची थी। इस साल 1 से 16 मई तक बिजली की औसत डिमांड 391.18 मेगावॉट है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार 48 मेगावॉट यानी करीब 14 प्रतिशत है, जबकि गर्मी के हिसाब से इसमें औसतन 30 मेगावॉट की बढ़ोतरी और होनी थी।

इस तरह बजट पर पड़ता है असर

मई के महीने में बिजली की खपत औसत रूप से डेढ़ से दोगुना बढ़ जाती है। घरों में दिन और रातभर एसी, कूलर और पंखे का उपयोग होता है। बर्फ, ठंडे पेय पदार्थों का उपयोग अधिक होने के कारण फ्रीज की कूलिंग भी बढ़ा दी जाती है। इन कारणों से बिजली की खपत बढ़ती है। सामान्य दिनों में एक परिवार में बिजली की खपत 300 से 400 यूनिट तक होती है। मई में ये खपत 500 से 600 यूनिट तक बढ़ जाती है। इसका असर बिजली बिल पड़ता है और ये 1800-2200 से बढ़कर 2600 से 3400 रुपए तक पहुंच जाता है।

इस साल बिजली की डिमांड मई की शुरुआत में काफी ज्यादा रही। खपत 410 मेगावॉट तक पहुंच गई। हालांकि इसके बाद तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से गर्मी कम रही। इसका असर बिजली की खपत पर नजर आ रहा है। गर्मी के दिनों में हम अनुमानित खपत को ध्यान में रखते हुए पहले से बिजली की व्यवस्था कर लेते हैं। इसलिए दिक्कत नहीं होती है।

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