स्वतंत्र छत्तीसगढ़ :
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शाहिद अली की बर्खास्तगी के आदेश को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। उन्हें नौकरी पर बहाल करने के साथ ही नियमों के मुताबिक सभी आर्थिक लाभ भी देने के आदेश दिए गए हैं। यूनिवर्सिटी ने जुलाई 2023 में अली को सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शाहिद अली को जुलाई 2023 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसे उन्होंने एडवोकेट नीरज चौबे के जरिए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में बताया गया था कि वर्ष 2007 में यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर, रीडर और लेक्चरर के नियमित पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए डॉ. अली ने भी आवेदन किया था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद पत्रकारिता विषय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर उनका चयन हो गया था। इससे पहले 2005-06 में उनका चयन एडहॉक में हुआ था।
मामला लंबित रहने के दौरान ही कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लेकर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। कार्रवाई से पहले उन्हें सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। उन पर आरएसएस, भाजपा से जुड़े रहने का आरोप भी लगाया गया। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की बेंच ने बर्खास्ती आदेश को निरस्त करते हुए सेवा में बहाल करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद डॉ. अली ने कार्य में उपस्थिति के लिए कुलसचिव को आवेदन भी दे दिया है।
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